कनिका कपूर का प्लाज्मा लेने से KGMU ने किया इनकार, बताई यह वजह
लखनऊ। कोरोना वायरस से जंग जीतने के बाद बॉलीवुड सिंगर कनिका कपूर (Kanika Kapoor) ने अपने प्लाज्मा डोनेट करने की इच्छा जाहिर की थी। कनिका कपूर की इच्छा जाहिर करने के बाद केजीएमयू ने उनका रक्त परीक्षण किया था। लेकिन अब डॉक्टरों ने उनका प्लाज्मा लेने से इनकार कर दिया है। यह फैसला किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) ने उनकी फैमिली हिस्ट्री को देखते हुए लिया है।
कनिका कपूर का प्लाज्मा लेने के किया इनकार
किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) की ब्लड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की अध्यक्ष डॉ. तूलिका चंद्रा ने मंगलवार को बताया, 'गायिका कपूर ने जो अपनी ‘फैमिली हिस्ट्री' (परिवार की चिकित्सा संबंधी जानकारी) बतायी है, उसे देखते हुए अस्पताल ने क़ोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के इलाज के लिए फ़िलहाल उनका प्लाज़्मा लेने से इनकार कर दिया है।' उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि फैमिली हिस्ट्री की जानकारी मीडिया को नहीं दी जा सकती क्योंकि यह नियमों के खिलाफ है।
भविष्य में किया जा सकता है विचार
हालांकि, उन्होंने कहा कि भविष्य में शोध के लिए कनिका का प्लाज्मा लेने पर विचार किया जा सकता है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक होने के बाद कनिका कपूर ने 27 अप्रैल को कोरोना रोगियों के इलाज के लिए अपना प्लाज्मा दान करने का फैसला किया था।
माता-पिता का भी लिया गया था सैंपल
हेल्थ टीम ने सिंगर कनिका कपूर के क्लोज कांटेक्ट में आए लोगों की दोबारा मॉनिटरिंग शुरू की थी। जिसमें सबसे पहले कनिका कपूरे के माता-पिता का एक अप्रैल को सैंपल लिया गया और जांच के लिए दोबारा भेजा गया था। बता दें कि यह फैसला संक्रमित महिला चिकित्सक की सास में कोरोना पॉजिटिव आने के बाद लिया गया था।
हाई प्रोफाइल पार्टियों में हुई थी शरीक
कोरोना संक्रमण के बाद भी वीवीआईपी पार्टियां करके चर्चा में आईं बॉलीवुड सिंगर कनिका कपूर अब स्वस्थ होने के बाद प्लाज्मा दान करेंगी। माना जा रहा है कि यह कदम वह अपनी छवि सुधारने के लिए उठा रहीं हैं। बीते माह उन्होंने शहर को खतरे में डाल दिया था। लंदन से लौटने के बाद वे कई हाई प्रोफाइल पार्टियों में शरीक हुईं। इतना ही नहीं, संजय गांधी पीजीआई में इलाज के दौरान भी उन्होंने हंगामा किया था। अब समाजसेवा की यह पहल वह बहुत सोच-समझ कर रही हैं। हालांकि, सिंगर का कहना है कि जब वह भारत वापस आईं थीं, तो देश में सेल्फ आईसोलेशन जैसी कोई व्यवस्था लागू नहीं की गई थी।