राजा भैया को लोकसभा चुनाव में तगड़ा झटका, दोनों उम्मीदवारों की जमानत हुई जब्त
Lucknow News, लखनऊ। रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपनी एक अलग ही पहचान रखते है। खासकर लखनऊ के आस-पास के जिलों और पूर्वांचल में सभी उनके नाम से खूब वाकिफ हैं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से हुए मतभेद और लोकसभा चुनाव में अपनी हनक बरकरार रखने के लिए राजा भैया ने अपनी पार्टी बना ली। राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक ने प्रतापगढ़ सीट पर अक्षय प्रताप सिंह व कौशांबी सीट पर शैलेंद्र कुमार को खड़ा किया था। लेकिन उनकी पार्टी के दोनों उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो गई।
नहीं दिखा पाये कोई कमाल
रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया अपने प्रभाव वाली सीटों पर लोकसभा चुनाव में कोई कमाल नहीं दिखा पाये। बता दें कि कुंडा से पांच बार विधायक रहे राजा भैया का प्रतापगढ़ और कौशांबी सीट पर अच्छा खास प्रभाव है, लेकिन इन निर्वाचन क्षेत्र में वह अपने उम्मीदवारों को ठीकठाक वोट तक नहीं दिला पाए।
प्रतापगढ़ सीट
राजा भैया ने प्रतापगढ़ सीट से अपने रिश्तेदार अक्षय प्रताप उर्फ गोपाल जी को चुनाव मैदान में उतारा था। लेकिन अक्षय प्रताप सिंह 46,963 वोट पाकर चौथे पायदान पर रहे। अक्षय प्रताप से ज्यादा वोट कांग्रेस की उम्मीदवार रानी रत्ना सिंह को मिले, जो इलाके में राजा भैया की राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी भी मानी जाती हैं। हालांकि रत्ना सिंह भी अपनी जमानत नहीं बचा सकीं। उन्हें 76686 वोट मिले, जो कुल वोटों का 8.43 प्रतिशत ही हैं। प्रतापगढ़ सीट पर जीत बीजेपी के संगम लाल गुप्ता को मिली है, जिन्हें 436291 वोट मिले। वहीं दूसरे नंबर गठबंधन प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे अशोक त्रिपाठी को 318539 वोट मिले।
कौशांबी सीट
राजा भैया की पार्टी ने शैलेंद्र कुमार को कौशांबी लोकसभा सीट पर उतारा था। यहां भी पार्टी प्रत्याशी शैलेंद्र कुमार जमानत नहीं बचा सकी। शैलेंद्र कुमार को 156406 मिले जो कुल पड़े वोटों का 16.05 प्रतिशत है। इस सीट पर जीत बीजेपी के विनोद सोनकर को मिली जिन्हें 383009 वोट हासिल हुए। दूसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी के कैंडिडेट इंद्रजीत सरोज रहे जिन्हें 344287 वोट हासिल हुए। इंद्रजीत सरोज किसी जमाने में बीएसपी पार्टी के कद्दावर नेता हुआ करते थे।