50 धमाकों में सैकड़ों लोगों की जान लेने वाला Doctor Bomb जलीस अंसारी कानपुर से गिरफ्तार
लखनऊ। 50 धमाकों के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा जलीस अंसारी गुरुवार को मुंबई स्थित अपने घर से लापता हो गया था। जलीस के गायब होना सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बन गया था। लेकिन शुक्रवार को जलीस अंसारी को गिरफ्तार कर लिया गया। जलीस को उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार करने के बाद पुलिस जलीस को लखनऊ लेकर रवाना हो गई है। बता दें कि जलीस पिछले तीन दशकों से एक ऐसा नाम बन चुका था जिसने एजेंसियों की नाक में दम कर रखा था। 50 से ज्यादा सीरियल ब्लास्ट्स में शामिल जलीस को 'डॉक्टर बम' भी कहते हैं।
जलीस अंसारी पेरोल खत्म होने से पहले हुआ था गायब
जलीस पेरोल पर था जब वह लापता हुआ। गुरुवार की सुबह से ही उसका कोई अता-पता नहीं है। जलीस, सेंट्रल मुंबई के मोमिनपुरा में आने वाले अग्रीपाड़ा का रहने वाला था। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दिसंबर 2019 में उसे 21 दिन की पेरोल दी गई थी। शुक्रवार को उसकी पेरोल खत्म होने वाली थी और 24 घंटे पहले ही वह गायब हो गया। पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, जलीस पेरोल के दौरान अपने परिवारवालों से मिलने के लिए गया हुआ था। लेकिन अचानक पुलिस को उसके परिवारवालों ने बताया कि उसका कुछ पता नहीं चल रहा है।
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कानपुर में हुआ जलीस अंसारी गिरफ्तार
डॉ. जलीस अंसारी को शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से गिरफ्तार किया गया है। यूपी डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि जलीस अंसारी को उस वक्त गिरफ्तार किया गया, जब वह कानपुर की एक मस्जिद से बाहर आ रहे थे। गिरफ्तार करने के बाद जलीस को लखनऊ लाया जा रहा है। डीजीपी की मानें तो जलीस अंसारी से पूछताछ की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि यह यूपी पुलिस की बड़ी उपलब्धि है।
इसलिए बुलाते हैं लोग डॉक्टर बम
बता दें कि जलीस अंसारी ने देशभर में 50 से ज्यादा ब्लास्ट्स को अंजाम दिया था। इसलिए जलीस अंसारी को लोग डॉक्टर बम के नाम से भी जानते थे। अंसारी एक क्वालिफाइड एमबीबीएस डॉक्टर था। अपने प्रोफेशन का प्रयोग अंसारी मरीजों का इलाज करने में नहीं बम बनाने में करने लगा। जिन ब्लास्ट्स में उसका नाम आया उसमें सैंकड़ों लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद से ही उसे डॉक्टर बम कहा जाने लगा था। वह 1993 बॉम्बे ब्लास्ट का दोषी था।
बाबरी मस्जिद गिरने के बाद लगाए बम
जलीस को पांच और छह दिसंबर की रात 1993 में छह राजधानी एक्सप्रेस में हुए ब्लास्ट्स के सिलसिले में सजा दी गई थी। इसी ब्लास्ट्स के चलते वह अजमेर की जेल में सजा काट रहा था। साल 1994 में पहली बार सीबीआई ने अंसारी को ट्रेन में बम रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था। अंसारी पुणे में हुए ब्लास्ट में भी शामिल था। एजेंसियों को शक था कि उसने और उसके साथियों ने बाबरी मस्जिद गिरने के बाद अयोध्या में बम प्लांट किए थे। हैदराबाद में हुए सीरियल बम धमाकों के सिलसिले में भी उससे पूछताछ की गई थी।