जल निगम भर्ती घोटाला: आजम खान के कार्यकाल की 1188 भर्तियां रद, SIT जांच के बाद हुई कार्रवाई
लखनऊ। सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और रामपुर से सांसद आजम खान की मुश्किले कम होने का नाम नहीं ले रही है। ताजा मामला साल 2016-17 का है। दरअसल, आजम खान के चेयरमैन रहते हुए उनके द्वारा 1300 पदों पर भर्ती की गई थी, जिनकी भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता बरती गई। यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद इस मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई थी। एसआईटी जांच में भर्तियों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पाए जाने पर योगी आदित्यनाथ सरकार ने सोमवार देर रात सभी भर्तियों को निरस्त कर दिया।
SIT
की
जांच
में
आजम
खान
को
माना
दोषी
मीडिया
रिपोर्ट्स
के
मुताबिक,
उत्तर
प्रदेश
जल
निगम
भर्ती
घोटाले
के
मामले
में
पूर्व
नगर
विकास
मंत्री
आजम
खान
के
अलावा
नगर
विकास
सचिव
रहे
एसपी
सिंह,
जल
निगम
के
पूर्व
एमडी
पीके
आसुदानी,
जल
निगम
के
तत्कालीनमुख्य
अभियंता
अनिल
खरे
के
खिलाफ
केस
दर्ज
किया
गया
था।
एसआईटी
सभी
अधिकारियों
से
लंबी
पूछताछ
कर
चुकी
है।
अब
एसआईटी
की
जांच
प्रकिया
पूरी
हो
चुकी
है,
जिसमें
आजम
खान
को
दोषी
माना
गया
है।
एसआईटी
की
जांच
में
भर्ती
प्रक्रिया
पूरी
तरह
दोषपूर्ण
पाई
गई
है।
फिलहाल
एसआईटी
ने
जांच
पूरी
कर
अपनी
रिपोर्ट
शासन
को
सौंपी
दी
है।
2016
में
निकली
थी
वेकेंसी
प्रदेश
में
18
जून
2016
को
जल
निगम
ने
लिपिक
व
आशुलिपिक
के
पदों
पर
सीधी
भर्ती
के
लिए
विज्ञापन
प्रकाशित
किया
गया।
जिसके
अनुसार
335
लिपिक
व
63
आशुलिपिक
पदों
पर
लिखित
परीक्षा
क्रमश:
गत
पांच
से
सात
अगस्त
2016
के
मध्य
मुबंई
की
मेसर्स
एपटैक
कंपनी
ने
आयोजित
की
थी।
अंतिम
परिणाम
24
दिसंबर
2016
को
जारी
किया
गया,
जिसमें
आशुलिपिक
पदों
के
लिए
टाइप
परीक्षा
में
कोई
अभ्यर्थी
सफल
नहीं
होने
के
कारण
परीक्षा
निरस्त
करने
का
निर्णय
लिया
गया
था।
जल
निगम
विभाग
के
ही
कुछ
अधिकारियों
ने
इस
संबंध
में
धांधली
की
शिकायत
की
थी,
जिसके
बाद
जांच
शुरू
हुई।
सरकार
इस
मामले
में
122
सहायक
अभियंताओं
को
पहले
ही
बर्खास्त
कर
चुकी
है।
बाद
में
यह
जांच
सरकार
ने
एसआईटी
को
सौंप
दी
थी।
जेल जाने के बाद बोले आजम खान, मेरे साथ हो रहा है आतंकियों जैसा व्यवहार