बेसमेंट में चल रहा था ऑनलाइन कॉल सेंटर, बेची जा रही थी यौन शक्ति बढ़ाने की दवाएं
लखनऊ। राजधानी लखनऊ पुलिस ने एक ऐसे गैंग का खुलासा किया है, जो ऑनलाइन यौन शक्ति बढ़ाने वाली दवाओं को बेचते थे। पुलिस ने मौके से 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया। जबकि काफी लोग मौके से फरार हो गए। पकड़े गए लोगों में मुंबई, ट्राम्बे, सिलांग, बैंगलोर आदि स्थानों के रहने वाले है। पुलिस ने इनके पास से 18 लैपटॉप, काफी मात्रा में हेडफोन व अन्य इलेक्ट्रिक डिवाइस बरामद की है। पुलिस की मानें तो आरोपित 'क्रांतिकारी' नाम से कथित शक्ति वर्धक दवा बेचते के लिए इंटरनेट कॉलिंग के जारिए लोगों को झांसे में लेते थे।
12 युवकों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
एडीसीपी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी के मुताबिक, काफी दिनों से तालकटोरा पुलिस को राजाजीपुरम के एक तीन मंजिला मकान में रहने वाले युवकों की संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिल रही थी। पुलिस ने जब यहां छापा मारा तो वहां मौजूद युवकों में भगदड़ मच गई। इस दौरान कुछ युवक भागने में सफल रहे, लेकिन पुलिस ने 12 युवकों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने रेड डालकर मुंबई के रहने वाले मेहराम, फरहान शेख, उमर, शाहबाज, आसिफ शेख, सैयद वकार अब्बास, महमूद शेख, मेघालय के इकरामुल हुसैन, नीरज थापा, सोमेंद्र और लखनऊ के यामीन को गिरफ्तार किया है।
मकान के बेसमेंट से चलाया जा रहा था कॉल सेंटर
एडीसीपी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी के मुताबिक, ये लोग मकान के बेसमेंट (तहखाना) से एक अवैध कॉल सेंटर चला रहे थे। जहां से वीओआईपी (वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल) के माध्यम से लोगों को इंटरनेट कॉल कर के यौन वर्धक दवाओं को बेचा जाता था। इस गिरोह का सरगना मुंबई का साईं सुंदर सरोज राव बताया जा रहा है। लखनऊ से पुलिस टीम सरगना की गिरफ्तारी के लिए मुंबई रवाना हो गई है। एसीपी बाजारखाला अनिल यादव के मुताबिक इस कॉल सेंटर से कई कंपनियों की यौन शक्ति वर्धक दवाओं को बेचा जाता था। सिलडेनाफिल साइट्रेट के ब्रांड वियाग्रा समेत कई ब्रांड की दवाएं ये युवक बेचते थे। जीएसटी विभाग को मिली सूचना पर ये कार्रवाई की गई है। फिलहाल पुलिस मामला दर्ज कर जांच पड़ताल में जुटी है।
ग्राहकों को ऑनलाइन फांसते है आरोपी
तहखाने से 18 लैपटॉप, 30 हेड फोन, 20 माउस, चार कीबोर्ड, 20 लैपटॉप चार्ज, चार स्विच, दो केवल व अन्य इलेक्ट्रानिक डिवाइस बरामद किया गया है। पुलिस की मानें तो यौन शक्ति बढ़ाने वाली दवाओं का देश भर में बड़ा बाजार है। लेकिन इस बाजार के साथ-साथ अवैध ऑनलाइन बाजार भी इन शक्तिवर्धन दवाओं को अपने ग्राहकों तक पहुंचाता है। ज्यादा मुनाफा, टैक्स चोरी, लाइसेंस और जांच से बचने के लिए ये बाजार इंटरनेट के माध्यम से चलता है। इस धंधे को चलाने वाले लोग अपने ग्राहकों को ऑनलाइन फांसते हैं।