यूपी में फिर पैर पसार रहा कोरोना वायरस, लखनऊ में पिछले तीन महीने में सबसे ज्यादा केस
लखनऊ। देश के अलग-अलग हिस्सों में कोरोना के बढ़ते मामलों ने लोगों में डर पैदा कर दिया। यूपी में भी कोरोना का संक्रमण फिर पैर पसार रहा है। राजधानी लखनऊ में रविवार को पिछले तीन महीने में सबसे ज्यादा 141 नए मामले सामने आए। इसके बाद शासन ने कोरोना पर नियंत्रण के लिए रात में ही स्वास्थ्य विभाग की बैठक बुला ली। इसमें संक्रमण रोकने के लिए प्रभावी रणनीति बनाने और पॉजिटिव मरीजों की बेहतर देखभाल के निर्देश दिए गए। एसीएमओ डॉ. एमके सिंह ने बताया कि रविवार को सरकारी अस्पतालों में वैक्सीनेशन बंद रहा। कुछ निजी अस्पतालों में वैक्सीन लगाई गई, जहां कुल 722 लोगों ने टीकाकरण कराया। इसमें 393 पुरुष और 329 महिलाएं शामिल रहे।

सीएमएस अलीगंज के तीन शिक्षक कोरोना पॉजिटिव
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, लखनऊ के हजरतगंज में सबसे ज्यादा 19 मरीज मिले। अलीगंज में 15 पॉजिटिव केस सामने आए तो वहीं गोमती नगर में 12 व इंदिरा नगर में 10 नए मरीज मिले हैं। इसके अलावा रायबरेली रोड पर छह नए मरीज मिले। कुल 13 मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं, बाकी लोग होम आइसोलेशन में हैं। सीएमएस अलीगंज के तीन शिक्षक कोरोना पॉजिटिव पाए गए, जिसके बाद सोमवार को स्कूल बंद कर दिया गया। अभिभावकों ने कैंप लगाकर भी टेस्टिंग कराए जाने की मांग की है।
7823 मरीजों के सैंपल लिए गए
लखनऊ में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या अचानक तीन गुना से भी ज्यादा बढ़कर 659 हो गई है। रविवार को कुल 27 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने सर्विलांस और कांटैक्ट ट्रेसिंग के आधार पर विभिन्न होटलों-दुकानों, प्रतिष्ठानों, बाजारों, बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों और अन्य भीड़भाड़ वाली जगहों के साथ-साथ संक्रमण प्रभावित इलाकों से कुल 7823 मरीजों के सैंपल लिए। जिला प्रशासन के निर्देश पर सीएमओ डॉ. संजय भटनागर ने सीतापुर रोड स्थित राम सागर मिश्रा अस्पताल को कोविड-19 चिकित्सालय में बदल दिया है। फिलहाल, इसे लेवल वन का अस्पताल बनाया गया है। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि लोकबंधु में कोविड-19 से निपटने की तैयारियां पूरी की जा रही हैं। अगले दो दिनों में यह अस्पताल फिर पूरी तरह कोरोना मरीजों के लिए तैयार हो जाएगा। हालांकि, लोकबंधु अस्पताल को अभी वैकल्पिक मोड में रखा जाएगा।