'भाजपा सरकार को जासूसी करने से फुर्सत नहीं, वह कब करेगी विकास?', अखिलेश यादव ने कहा
'भाजपा सरकार को जासूसी करने से फुर्सत नहीं, वह कब करेगी विकास?', अखिलेश यादव ने कहा
लखनऊ, 31 जुलाई: सपा अध्यक्ष व यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने पेगासस जासूसी कांड को लेकर एक बार फिर भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। अखिलेश यादव ने कहा, 'भाजपा सरकार को जासूसी करने से ही फुर्सत नहीं है, वह विकास कब करेगी? भाजपा के नए-नए अभियान वस्तुतः जनता की ताकत के सामने सरकार की घबराहट के द्योतक है।' इतना ही नहीं, अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा लोकतंत्र को कमजोर करने में लगी है। तो वहीं, भाजपा के जन 'आशीर्वाद' यात्रा को एक छद्म अभियान बताया।
अखिलेश यादव ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा ने जिला पंचायत चुनावों के नतीजों को अपनी गुण्डागर्दी से बदला है। लोकतंत्र में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव की मर्यादा को उसने तार-तार किया है। भाजपा षड्यंत्र के तहत समाजवादी पार्टी के प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग करती है। भाजपाई आईटी सेल के जरिए भेष बदलकर समाजवादी पार्टी के विरूद्ध झूठे प्रचार को बढ़ावा देने में लगी है। भाजपा ने अपने संकल्प-पत्र को झूठ का पुलिंदा बना दिया। किसान की आय आज कितनी है जिसे भाजपा ने दोगुनी करने का वादा किया? उसकी रूपरेखा आज तक नहीं बताई गई।
किसान को न तो अपनी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मिला, न ही फसलों की उत्पादन लागत का डेढ़ गुना मूल्य मिल पा रहा है। भाजपा सरकार किसान विरोधी काले कृषि कानून बनाकर किसानों की खेती छीनने का प्रबन्ध कर लिया है। मंहगाई क्यों बढ़ रही है, भाजपा बताए यह कब कम होगी? अखिलेश यादव ने कहा कि किसानों की लड़ाई समाजवादी पार्टी की लड़ाई है। समाजवादी पार्टी किसानों की पार्टी है। नौजवानों की नौकरी का समाधान सरकार क्यों नहीं निकालती है? भाजपा सरकार ने विकास तो कुछ किया नहीं बस मुख्यमंत्री अपनी फोटो और विज्ञापन के सहारे छवि चमकाने को उपलब्धि मानते है।
यादव ने कहा आरएसएस की रणनीति पर काम करने वाला राजनैतिक संगठन भारतीय जनता पार्टी है। यह उद्योगपतियों का पक्षधर संगठन है। भाजपा राज में अन्याय, अत्याचार, बलात्कार, शोषण बढ़ा है और महिलाओं का अपमान हुआ है। सड़क, बिजली, पानी सभी का अकाल है। डबल इंजन की सरकार हर मोर्चे पर बेहद कमजोर साबित हुई है। वास्तव में भाजपा नेतृत्व अपने अहंकार में डूबा हुआ है। उसने जनहित के मामलों की पूर्णतया उपेक्षा की है और केवल अपने राजनीतिक स्वार्थसाधन की चिंता की है।