योगी सरकार का फरमान: अमिताभ ठाकुर समेत दो IPS और 17 PPS अधिकारियों को जबरन किया जाएगा रिटायर
लखनऊ। दागी और कामचोर पुलिसकर्मियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने के बाद अब पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की तैयारी है। डीजीपी मुख्यालय की तरफ से शासन को प्रस्ताव भेजकर दो आईपीएस और 17 पीपीएस अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने की मांग पर अपर मुख्य सचिव गृह को पत्र लिखकर नियमानुसार कार्रवाई का निर्देश दिया है। आरटीआई एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा ने बीते दिनों राज्यपाल को दिए शिकायती पत्र में आरोप लगाया था कि आईजी सिविल डिफेंस अमिताभ ठाकुर कोर्ट व आरटीआई के मामलों में बिना अवकाश लिए ड्यूटी के समय उपस्थित होकर उच्च पद व सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग करते रहे हैं।
उर्वशी शर्मा ने कहा कि वर्ष 2012 से अब तक अलग-अलग कोर्ट में करीब 45 निजी आपराधिक मुकदमें दायर किए हैं। उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग की वेबसाइट के अनुसार, अमिताभ ठाकुर ने वर्ष 2016 से अब तक अपने मोबाइल नंबर से निजी आरटीआई के 368 सूचनाएं और अपने व पत्नी नूतन ठाकुर के नाम से 221 सूचनाएं मांगी हैं। अमिताभ ठाकुर का कहना है कि कोर्ट में वाद दायर करना और आरटीआई के तहत सूचनाएं मांगना प्रशासनिक अनाचार की श्रेणी में नहीं आता है।
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नाकारा पुलिसकर्मियों को सेवा से बाहर का रास्ता दिखाने का निर्देश दिया था। पुलिस विभाग में हर जोन स्तर पर स्क्रीनिंग कमेटी बनाकर पुलिसकर्मियों को चिह्नित किया गया। 50 वर्ष से अधिक आयु के 40528 पुलिसकर्मियों की स्क्रीनिंग कराई गई। इस वर्ष अब तक 353 अराजपत्रित पुलिसकर्मियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है। इसी प्रकार अब पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी है। 19 राजपत्रित अधिकारियों की सूची शासन को भेजकर उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने की सिफारिश की गई है।