मुरादाबाद: शिवसेना नेता के खिलाफ IT एक्ट में मुकदमा दर्ज, साक्षी मिश्रा पर की थी आपत्तिजनक टिप्पणी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश का बरेली जिला इन दिनों सुर्खियों में है। वजह है कि बरेली जिले की बिथरी चैनपुर सीट से बीजेपी के विधायक राजेश मिश्रा की बेटी साक्षी मिश्रा ने अपने परिवार की मर्जी के खिलाफ प्रेम विवाह किया है। साक्षी मिश्रा ने अपनी जाति से बाहर जाकर दलित समुदाय के अजितेश से शादी की है। इंटरकास्ट मैरिज करने पर शिवसेना नेता ने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। शिव सेना नेता रामेश्वर दयाल को आपत्तिजनक टिप्पणी करना महंगा पड़ गया। अब शिवसेना नेता के खिलाफ मझौला थाने में आईटी एक्ट के तहत अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने केस दर्ज कराया है।
FB एकाउंट से की थी आपत्तिजनक टिप्पणी
अखिल भारतीय हिंदू महासभा के नेता प्रांशु जोशी ने शिवसेना नेता रामेश्वर दयाल के खिलाफ मझौला थाने में आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज कराया है। तहरीर में आरोप लगाया है कि रामेश्वर दयाल ने अपने फेसबुक एकाउंट पर साक्षी मिश्रा को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिससे ब्राह्मण समाज में काफी रोष है। फिल्हाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
अजितेश के साथ कोर्ट रूम में हुई थी मारपीट
पेशी के दौरान कोर्ट परिसर में ही अजितेश के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की थी। जिसके बाद दोनों की सुरक्षा को देखते हुए जज ने कोर्ट रूम में बिठा लिया, बाद में पुलिस दोनों को कड़ी सुरक्षा के बीच गेट नंबर दो से बाहर निकालकर बमरौली एयरपोर्ट ले गई, जहां से दोनों को पुलिस सुरक्षा में हेलीकॉप्टर से किसी सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। सुरक्षा कारणों से इस स्थान की जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है।
दोनों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया
न्यायाधीश ने एसपी सिटी और कैंट पुलिस को साक्षी और अजितेश को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का निर्देश दिया था। फिलहाल, साक्षी और अजितेश की सुरक्षा में सीओ सिविल लाइंस और कैंट थाने की पुलिस तैनात है। वहीं, कोर्ट में सुनवाई के बाद बाहर आए वकील ने कहा कि केवल अजितेश के साथ मारपीट की गई थी। हमलावर के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई, इससे पता चलता है कि उनकी जान को वास्तव में खतरा है, इसलिए वे सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।
शादी को हाईकोर्ट ने माना था वैध
वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साक्षी व अजितेश की ओर से अपनी शादी के प्रूफ के तौर पर पेश किए गए प्रमाण पत्र को कानूनी तौर पर सही माना था और यूपी की योगी सरकार को निर्देश दिया था कि वह इन दोनों को सुरक्षा प्रदान करें। हालांकि, पुलिस ने कोर्ट के आदेश के एक दिन पहले ही साक्षी व अजितेश को सुरक्षा प्रदान कर दी थी, पुलिस सुरक्षा के बीच ही दोनों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ले आया गया था।
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