9 कस्तूरबा विद्यालय में काम करती थीं अनामिका शुक्ला, इस गुमनाम लड़की की मार्कशीट आई सामने
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की चर्चित और मिस्ट्री टीचर 'अनामिक शुक्ला' का खुलासा होने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। अब इस मामले में चौंकाने वाले ओर नए-नए खुलासे हुए है। दरअसल, अनामिका शुक्ला के नाम व दस्तावेज के आधार पर प्रदेश के 25 नहीं, बल्कि नौ कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में फर्जी अनामिका नौकरी कर रही थीं। यह दावा किया है महानिदेशक, बेसिक शिक्षा विजय किरण आनंद ने। उनके अनुसार पिछले 13 महीने में बागपत के बड़ौत, प्रयागराज के सोरांव और वाराणसी के सेवापुरी केजीबीवी से फर्जी शिक्षिका को एक भी रुपए मानदेय का भुगतान नहीं हुआ। जबकि अन्य छह केजीबीवी से कुल 12 लाख रुपए का भुगतान किया गया। वहीं, मीडिया के हाथ अनामिका शुक्ला के डॉक्यूमेंट भी लगे हैं, जिसके आधार पर यूपी के कई जिलों में लोगों ने फर्जी तरीके से नौकरियां पाई हैं।
रीना को नहीं हुआ था एक भी रुपए का भुगतान
प्रयागराज में अनामिका शुक्ला के डॉक्यूमेंट पर फर्रुखाबाद की रीना नौकरी कर रही थी। उसके निवास प्रमाण पत्र से पूरा फर्जीवाड़ा पकड़ में आया हैं। रीना के निवास प्रमाण पत्र पर राजपालपुर तहसील कायमगंज जिला फर्रुखाबाद दर्ज है और पिता का नाम चन्द्र भान सिंह दर्ज है। रीना ने अनामिका शुक्ला के शैक्षिक डॉक्यूमेंट लगाकर फुल टाइम साइंस टीचर के रूप में गलत तरीके से कस्तूरबा विद्यालय में संविदा पर नियुक्ति हासिल की थी। अनामिका शुक्ला के डाक्यूमेंट से नौकरी करने वाली रीना सिंह की फोटो लगी हुई है। 16 मार्च के बाद रीना कस्तूरबा विद्यालय नहीं आई है। हालांकि, यहां से अभी तक रीना को वेतन का भुगतान नहीं हुआ है। वहीं बात अगर अनामिका शुक्ला की करें तो डॉक्यूमेंट के आधार पर यह कहा जा सकता है कि अनामिका शुक्ला होनहार छात्रा रही है।
अनामिका शुक्ला के बार में पता चली ये बात
वहीं अनामिका के बारे में पता चला है कि उसने दसवीं और बारहवीं की परीक्षा यूपी बोर्ड से पास की थी। अनामिका का जन्म 20 जनवरी 1992 को गोंडा में हुआ था। उसके पिता का नाम सुभाष चंद्र शुक्ला और मां का नाम सुषमा शुक्ला है। अनामिका ने दसवीं की परीक्षा 2007 में गोंडा की रेलवे कॉलोनी स्थित बालिका इंटर कॉलेज से पास की थी। उसका रोल नंबर 1933977 था। दसवीं के 6 में से 5 विषयों में उसे 75 फीसदी से अधिक नंबर हासिल हुए थे। 12वीं की परीक्षा भी उसने परसपुर गोंडा के एसएमजेएसआईसी (SMJSIC) से प्रथम श्रेणी में पास किया था। डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध युनिवर्सिटी फैजाबाद से संबद्ध गोंडा सिविल लाइंस के रघुकुल महिला विद्यापीठ डिग्री कॉलेज से 2012 में बीएससी प्रथम श्रेणी में पास किया। अवध विवि से ही संबद्ध अंबेडकर नगर के जियापुर बरुआ स्थित आदर्श कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय से 2014 में बीएड किया था। बीएड की लिखित और प्रायोगिक परीक्षा में प्रथम श्रेणी के अंक मिले थे। उसने 2015 में 91 अंकों के साथ उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा पास की।
12 लाख रुपए का किया गया भुगतान
बेसिक शिक्षा विजय किरण आनंद की मानें तो सेवापुरी में नौकरी हासिल करने वाली फर्जी अनामिका ने अब तक कार्यभार ही ग्रहण नहीं किया है। सोरांव में अक्तूबर 2019 में तैनात व बड़ौत में फर्जी अनामिका को भी मामला संदिग्ध लगने पर मानदेय भुगतान नहीं किया गया। जबकि अलीगढ़ के बिजौली, अंबेडकरनगर के रामनगर, सहारनपुर के मुजफ्फराबाद, कासगंज के कासगंज ग्रामीण, अमेठी के अमेठी, रायबरेली के बछरावां केजीबीवी में कार्यरत फर्जी शिक्षिका अनामिका को करीब 12 लाख रुपये का भुगतान किया गया है। बेसिक शिक्षा महानिदेशालय के निर्देश पर सोमवार तक सभी नौ जिलों में फर्जी शिक्षिका अनामिका के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया है।
अब तक नहीं मिली असली अनामिका
आखिर कौन है अनामिका शुक्ला? कहा है अनामिका शुक्ला, आखिर अब तो क्यों नहीं मिली अनामिका शुक्ला...महानिदेशालय से लेकर शासन तक हर कोई हैरान है। अभी तक असली अनामिका शुक्ला का पता बेसिक शिक्षा विभाग भी नहीं लगा सका है। अनामिका की अंकतालिका पर गोंडा से हाईस्कूल, इंटर और बीए करने का पता लगा है। महानिदेशालय ने सोमवार को गोंडा के बीएसए को पत्र लिखकर संबंधित स्कूल, वहां के रजिस्टर या टीसी दस्तावेज से असली अनामिका शुक्ला का पता लगाने के निर्देश दिए हैं।