यूपी: 40 लाख कर्मचारियों की हड़ताल से पहले एस्मा लागू, 6 महीने तक रहेगी पाबंदी
Lucknow news, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार के करीब 40 लाख कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर बुधवार से हड़ताल पर हैं। इस बीच यूपी सरकार ने सभी सरकारी विभागों और नगर निकायों में अगले छह महीनों के लिए आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (एस्मा) लगा दिया है। इसे तत्काल प्रभाव में लाया गया है। एस्मा लगने के बाद अगले 6 महीने तक कोई भी हड़ताल गैरकानूनी करार दी जाएगी। हालांकि, इसके बावजूद राज्य कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी है।
छह महीने तक हड़ताल पर पाबंदी
यूपी सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, राज्य के कार्य-कलापों से संबंधित किसी भी लोकसेवा, राज्य सरकार के स्वामित्व या नियंत्रण वाले किसी निगम या स्थानीय प्राधिकरण में हड़ताल पर एस्मा-1966 की धारा 3 की उपधारा 1 के तहत अगले छह महीने के लिए रोक लगा दी गई है। बता दें, मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने सोमवार की रात ही अधिसूचना जारी कर दी थी। राज्य कर्मचारी, शिक्षक और अधिकारी बुधवार से एक हफ्ते की हड़ताल पर हैं।
लखनऊ में धारा 144 लागू
राजधानी लखनऊ में धारा 144 लगा दी गई है। ऐसे में अगर अब जिले के किसी भी सवैधानिक संस्था के आसपास किसी भी प्रकार के झंडे और स्पीकर से प्रचार, धरना- प्रदर्शन या किया गया तो उसपर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
क्या हैं राज्य कर्मचारियों की मांगें
राज्य कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग कर रहे हैं। करीब 40 लाख कर्मचारी बुधवार से हड़ताल पर जाने वाले थे। हड़ताल में शिक्षक, इंजीनियर, तहसीलदारों और परिवहन विभाग के कर्मचारी शामिल थे। हालांकि, इससे पहले ही यूपी सरकार ने एस्मा लागू कर दिया।
पाबंदी के बावजूद हड़ताल शुरू
धारा 144 लागू होने के बाद भी कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी है। गवर्नमेंट प्रेस, उद्यान निदेशालय, आरटीओ सहित कई विभागों के कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया है। वहीं, बहराइच में कर्मचारियों के ताला बंद हड़ताल की खबर है। बहराइच की डीएम माला श्रीवास्तव का कहना है कि हड़ताल पर नजर रखी जा रही है। आवश्यक कार्यों में बाधा पड़ी तो कार्रवाई होगी।
जानें क्या होता है एस्मा
बता दें, एस्मा हड़ताल को रोकने के लिए लगाया जाता है। इसके तहत रेलवे, एयरपोर्ट, और बंदरगाह में काम करने वाले कर्मचारियों को हड़ताल करने की मनाही होती है। अगर इसका उल्लंघन किया गया तो पुलिस किसी को भी गिरफ्तार कर सकती है। यही नहीं कानून का विरोध करने पर जेल की सजा भी हो सकती है। एक साल तक कैद और जुर्माने का भी प्रावधान है।