यूपी: PFI पर प्रतिबंध के लिए DGP ने गृह मंत्रालय को लिखा पत्र, डिप्टी सीएम मौर्य ने कहा- हिंसा में इसका हाथ
लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हुई हिंसा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PIF) नाम के संगठन का नाम सामने आया था। हिंसा भड़काने में पीएफआई के कई सदस्य गिरफ्तार भी हुए थे। जिसके बाद यूपी डीजीपी ओपी सिंह ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाने के लिए सिफारिश की है। इस सिफारिश को राज्य के गृह मंत्रालय के माध्यम से भारत सरकार को भेजा जा रहा है। वहीं, दूसरी तरफ यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य कहा, 'सीएए को लेकर यूपी में हिंसा फैलाने में पीएफआई का हाथ था।
गृह विभाग को भेजा पत्र
लखनऊ, मेरठ, शामली, वाराणसी और अन्य स्थानों पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्यों के पास से आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई थी। उक्त जिलों में पूर्व में दर्ज मुकदमे का हवाला देते हुए सिफारिश में कहा गया है कि किस तरह से 2010 से यह संगठन यूपी के विभिन्न जिलों में सक्रिय रहा है और माहौल खराब करने की कोशिश करता रहा है। सिफारिश में प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (सिमी) के सदस्यों ने पीएफआई जॉइन कर ली थी। अब तक प्रकाश में आए कई ऐसे नाम हैं जो पूर्व में सिमी के सदस्य रहे हैं। डीजीपी मुख्यालय ने यह सिफारिश गृह विभाग को भेज दी है। गृह विभाग इसका अध्ययन करने के बाद केंद्र सरकार को भेजेगा।
जांच के बाद होगी कार्रवाई: श्रीकांत शर्मा
इससे पहले यूपी सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने भी कहा था कि सिमी की तरह ही पीएफआई की भूमिका सामने आ रही है। उन्होंने कहा कि हर एंगल से यूपी पुलिस मामले की जांच की जा रही है। पीएफआई पर प्रतिबंध के सवाल पर श्रीकांत शर्मा ने सीधे-सीधे हां तो नहीं किया लेकिन इशारों में ये ज़रूर कहा कि जांच पूरी होने के बाद ज़रूरी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जो लोग पहले सिमी संगठन में थे, उन्होंने एक नया संगठन बनाया है। जांच में यह बात सामने आई है कि इन लोगों का हिंसा में हाथ है हम जांच कर कार्यवाही करेंगे।
डिप्टी ने कहा- हिंसा में PIF का हाथ
डिप्टी सीएम केशव मौर्या ने कहा कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा फैलाने में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का हाथ था। स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के लोग ही पीएफआई में थे, जिन्होंने यूपी में हिंसा फैलाई। सरकार की तरफ से इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया जाएगा और सरकार की ओर से प्रस्ताव लाकर इसे प्रतिबंधित किया जाएगा।