नोटबंदी का असर? मायावती के बर्थडे पर ना नोटों की माला, ना ही जश्न
बता दें कि 15 जनवरी को मायावती का जन्मदिन मनाया जाता है और हर जन्मदिन पर उनकी उम्र के बराबर के वजन का केक काटा जाता है।
लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती के जन्मदिन पार्टी कार्यकर्ता अलीशान तरीके से मनाते हैं। इसे लेकर मायावती सुर्खियों में रहती हैं लेकिन इस बार मायावती ने अपना 61वां जन्मदिन सादगी पूर्ण ढंग से मनाए जाने का फैसला किया है। सूत्रों से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक इस बार मायावती के जन्मदिन पर ना तो कोई बड़ा समारोह होगा और ना ही केक काटा जाएगा। आपको बता दें कि 15 जनवरी को मायावती का जन्मदिन मनाया जाता है और हर जन्मदिन पर उनकी उम्र के बराबर के वजन का केक काटा जाता है।
VIDEO: त्रिपुरा विधानसभा में स्पीकर का माइक छीनकर भागे विधायक जी
एक अंग्रेजी वेबसाइट की खबर के मुताबिक पीएम मोदी की नोटबंदी के चलते मायावती यह फैसला किया है। वहीं राजनीतिक जानकारों का कहना है कि मायावती ने यह फैसला आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर किया है। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर वो बर्थडे मनाती हैं तो उनके लाख मना करने के बावजूद भी पार्टी नेता और कार्यकर्ता उन्हें उपहार जरूर देंगे और नोटबंदी के इस दौर में वो विरोधियों के निशाने पर आ सकती हैं।
गिफ्ट के तौर पर पूर्ण बहुमत देंगे पार्टी कार्यकर्ता
वहीं इस संबंध में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर ने कहा है कि पार्टी इस समय उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव की तैयारी में लगी है। राजभर ने कहा है कि चुनाव आयोग वर्ष के अंत तक उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है। इसके चलते आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी। हमारी पार्टी के कार्यकर्ता इस बार पार्टी की मुखिया को जन्मदिन पर विलंब से लेकिन बड़ा तोहफा (पूर्ण बहुमत) देंगे।