रैलियों पर प्रतिबंध लगाने से यूपी के चुनाव प्रचार में गायब है हेलिकॉप्टर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के चुनाव पर हर किसी की नजर रहती है। चाहे वो फिर राजनीतिक व्यक्ति हो या फिर हेलिकॉप्टर कंपनियां लेकिन इस बार कोविड के चलते लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से हेलिकॉप्टर व चॉपर कंपनियों के बीच थोड़ी सी उदासी छाई हुई है। क्योंकि चुनावी रैलियों पर रोक लगने के बाद किसी भी पार्टी का स्टार कैंपेनर कहीं रैली नहीं कर रहा है। जबकि ऐसा कहा जाता है कि जब तक रैलियों में हेलिकॉप्टर का शोर और मैदान में धूल न उड़े लोग उस रैली को रैली नहीं मानते हैं।

बता दें कि चुनाव आयोग ने जनवरी के आखिरी तक रैलियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। जबकि 20 हेलिकॉप्टर और 10 चार्टेड प्लेन राजनीतिक दलों ने बुक कर रखी थी। रोटरी विंग सोसाइटी ऑफ इंडिया के पश्चिमी क्षेत्र के अध्यक्ष उदय गिली ने कहा कि हेलिकॉप्टर चार्टर ऑपरेटर के बीच थोड़ी सी उदासी है। अन्य राज्यों के मुकाबले यूपी में चॉपर एक बहुत बड़ा स्टार है।
चार्टर कंपनी एमएएबी एवियेशन प्राइवेट लिमिटेड के मालिक मंदर भारदे ने कहा कि यूपी चुनाव की खूबसूरती यह है कि वहां के नेता 20 से 30 किलोमीटर की छोटी यात्रा करने के लिए भी हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल करते हैं। क्योंकि हेलिकॉप्टर अपने आप में एक बड़ा कैंपेनर है जो स्थानीय लोगों को रैलियों तक खींच लाता है। 80 फीसदी से ज्यादा लोग पोडियम के मुकाबले हैलिपैड के पास मौजूद होते हैं।
विधानसभा चुनावों को लेकर रैली-रोड शो पर प्रतिबंध और बढ़ा सकता है चुनाव आयोग, आज होगा अहम फैसला
मंदर भारदे ने बताया कि मौजूदा वक्त में अगस्तावेस्टलैंड-139 हेलकॉप्टर में एक बार में 14 से 16 लोग सवार हो सकते हैं। वहीं वीवीआईपी दौरे के दौरान उसमें केवल 6 लोग बैठते हैं। साढ़े चार लाख रुपये प्रति घंटा का चार्ज लगता है। जबकि इसकी बुकिंग दो महीने के लिए कम से कम 100 घंटे की बुकिंग होती है। इस दौरान एक ऑपरेटर कम से कम प्रति चुनाव चार से पांच करोड़ रुपये कमाता है। साथ ही यह भी बताया कि सिंगल इंजन वाले चॉपर भी 1.3 लाख प्रति घंटा चार्ज करते हैं।
उन्होंने बताया कि प्रचार कर रहे नेता पायलट को गांव के ऊपर-ऊपर दो से तीन राउंड लगाने को भी कहते हैं। पिछले तीन विधानसभा चुनाव में दो महीने पहले ही बुकिंग हो गई। राष्ट्रीय पार्टीयां 6 से 7 हेलिकॉप्टर बुक कर लेती हैं।