मायावती के बयान पर प्रियंका गांधी का पलटवार, कहा- सरकार के खिलाफ लड़ने की हिम्मत बनानी पड़ेगी
लखनऊ। गलवान घाटी पर भारत और चीन के बीच तनातनी को लेकर देश में राजनीति गरमाती जा रही है। बसपा प्रमुख मायावती ने चीन के साथ विवाद के मुद्दे पर मोदी सरकार का साथ देने का ऐलान किया था। जिस पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर हमला बोला है। प्रियंका गांधी ने लिखा, 'देश की सरजमीं को गवां डाले, उस सरकार के खिलाफ लड़ने की हिम्मत बनानी पड़ेगी।'
सरकार के खिलाफ लड़ने की बनानी पड़ेगी हिम्मत: प्रियंका गांधी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बसपा प्रमुख मायावती के बयान पर पलटवार करते हुए सोमवार को ट्वीट किया है। प्रियंका गांधी ने लिखा, 'जैसे कि मैंने कहा था कि कुछ विपक्ष के नेता भाजपा के अघोषित प्रवक्ता बन गए हैं, जो मेरी समझ से परे है। इस समय किसी राजनीतिक दल के साथ खड़े होने का कोई मतलब नहीं है। हर हिंदुस्तानी को हिंदुस्तान के साथ खड़ा होना होगा, हमारी सरजमीं की अखंडता के साथ खड़ा होना होगा। और जो सरकार देश की सरज़मीं को गंवा डाले, उस सरकार के खिलाफ लड़ने की हिम्मत बनानी पड़ेगी।'
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चीन के मुद्दे पर भाजपा के साथ खड़ी है बसपा
भारत और चीन के बीच तनातनी को लेकर बसपा प्रमुख मायावती का बयान सामने आया था। बयान में मायावती ने कहा कि चीन के मुद्दे पर बसपा भाजपा के साथ खड़ी है। दलगत राजनीति से ऊपर उठ हमने हमेशा देशहित के मुद्दों पर केंद्र सरकार का साथ दिया है। यही नहीं मायावती ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, 'मैं कांग्रेस पार्टी को बता देना चाहती हूं कि बसपा न तो कभी किसी पार्टी की प्रवक्ता रही है न भविष्य में रहेगी।' दरअसल, मायावती ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के उस बयान पर भी पलटवार किया, जिसमें उन्होंने बसपा को भाजपा सरकार का प्रवक्ता बताया था।
राजनीति कर रही है भाजपा-कांग्रेस: मायावती
मायावती ने कहा कि कभी कांग्रेस कहती है कि बसपा भाजपा के हाथ का खिलौना है। कभी भाजपा कहती है कि, बसपा कांग्रेस के हाथ का खिलौना है। लेकिन दोनों पार्टियां राजनीति कर रही हैं। चीन मुद्दे पर हम भाजपा के साथ हैं। मायावती ने कहा कि चीन के मुद्दे को लेकर इस समय देश में कांग्रेस और भाजपा के बीच में आरोप-प्रत्यारोप की जो घिनौनी राजनीति की जा रही है वो वर्तमान में कतई उचित नहीं है। इनकी आपसी लड़ाई का सबसे ज्यादा नुकसान देश की जनता को हो रहा है। इस लड़ाई में देशहित के मुद्दे दब रहे हैं। इन दोनों की लड़ाई में पेट्रोल और डीजल का जो सबसे गर्म मुद्दा है वो कहीं न कहीं दब रहा है। मायावती ने कहा, मेरा केंद्र सरकार को यही कहना है कि वो पेट्रोल और डीजल के दाम नियंत्रित करे।
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