शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा के परिजन बोले- विकास दुबे को मौत से बचाने के लिए हुई सुनियोजित गिरफ्तारी
लखनऊ। विकास दुबे की गिरफ्तारी उज्जैन के महाकाल मंदिर में जिस तरीके से हुई है उस पर कानपुर कांड में शहीदों के परिजन खुश नहीं हैं। शहीद सुल्तान सिंह की पत्नी उर्मिला वर्मा ने कहा कि विकास दुबे को राजनीतिक गठजोड़ ने बचाया है वहीं शहीद जितेंद्र पाल के परिजनों ने कहा कि विकास दुबे गेम खेलकर बच गया। अब शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा, शहीद सिपाही बबलू कुमार के परिजनों ने विकास दुबे की गिरफ्तारी पर नाखुशी जताई है। शहीद सीओ के परिजनों ने कहा कि विकास दुबे का आत्मसमर्पण सुनियोजित था ताकि उसकी जान बचाई जा सके।
'पुलिस के साथ मीडिया कैसे वहां पहुंच गई'
शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा के परिजन कमलकांत मिश्रा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 12 घंटे के अंदर विकास दुबे फरीदाबाद से उज्जैन के महाकाल मंदिर तक कैसे पहुंच गया और वहां पुलिस के साथ-साथ मीडिया कहां से आ गई? इस तरह से गिरफ्तारी कहीं होती देखी है क्या? विकास दुबे को मौत से बचाने के लिए सुनियोजित तरीके से उससे आत्मसमर्पण कराया गया है। कमलकांत मिश्रा ने कहा कि उन्होंने जिनको खोया है उस क्षति की भरपाई नहीं हो सकती। आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करना सिर्फ विकास दुबे गैंग का काम नहीं हो सकता है, इसमें जो अन्य लोग शामिल हैं वही उसे अभी तक बचाते आ रहे हैं। उन्हीं लोगों के कहने पर विकास दुबे ने सरेंडर किया है।
'विकास दुबे को मिले कड़ी सजा'
आगरा के शहीद सिपाही बबलू कुमार के पिता ने विकास दुबे की गिरफ्तारी पर कहा कि जैसे हमारा बेटा खत्म हुआ वैसा ही उसके साथ होना चाहिए। उसको कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। झांसी के शहीद सिपाही सुल्तान सिंह की पत्नी उर्मिला वर्मा ने मांग की कि विकास दुबे को मौत की सजा मिले, या तो पुलिस उसका एनकाउंटर करे या उसे फांसी की सजा मिले। मथुरा के शहीद जितेंद्र पाल के पिता और भाई ने भी गिरफ्तारी पर अंसतुष्टि जताते हुए उसके एनकाउंटर की मांग की है।
आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने की जांच की मांग
यूपी के वरिष्ठ और चर्चित पुलिस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने ट्वीट कर कहा कि विकास दुबे को हम गिरफ्तार नहीं कर पाए और उज्जैन में वह सरेंडर हो गया। इतनी बड़ी घटना के बाद भी हम उसे अरेस्ट नहीं कर सके और वह कई स्थानों पर घूमता हुआ सुदूर स्थान तक चला गया। मुझे लगता है कि इस बिंदु की भी गहराई से जांच होनी चाहिए। हो सकता है कि वो यूपी पुलिस कस्टडी से भागने की कोशिश करे, मारा जाये। इस तरह से विकास दुबे का चैप्टर क्लोज हो जाएगा। इस कांड से यूपी पुलिस के अंदर की गंदगी को ईमानदारी से देखते हुए विकास दुबे पर निष्पक्ष व कठोर कार्यवाही होनी चाहिए।
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