नहीं चलेगी यूपी में प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी, कोविड-19 इलाज की दरें तय
लखनऊ। कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज पर प्राइवेट अस्पतालों द्वारा मनमाना शुल्क वसूले जाने के कई मामले सामने आए हैं। ऐसे प्राइवेट अस्पतालों पर नजर रखने और कार्रवाई के लिए कमेटी का गठन हो गया है। साथ ही कार्यालय मुख्य चिकित्साधिकारी, लखनऊ ने सभी प्राइवेट अस्पतालों के लिए अधिकतम शुल्क भी तय कर दिए हैं। बता दें कि ये तय शुल्क शासन द्वारा पहले से निर्धारित की गई दरों के मुताबिक ही रखे गए हैं। बता दें कि पिछले 24 घंटे में 4603 कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं। तो वहीं, अब प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या 49709 हो गई है।
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लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) आरपी सिंह ने इलाज के नाम पर वसूली रोकने के लिए कोविड उपचार का अधिकतम शुल्क तय कर दिया गया है। निर्देश जिन अस्पतालों पर लागू होगा उनमें निजी स्वामित्व वाले सभी कोविड चिकित्सालय, महामारी अधिनियम के तहत स्थापित इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर व अस्पताल शामिल हैं। मरीजों का बिल तीन प्रतियों में निकाला जाएगा। एक प्रति सीएमओ को भेजी जाएगी। यदि किसी भी कारण से उपचार-औषधि बिल में सम्मलित हो तो सका कारण लिखा जाएगा। निर्धारित दरों से अधिक लिया तो कानूनी कार्रवाई होगी।
प्रशासन
की
ओर
से
तय
दरें-
बीमारी
बढ़ने
पर
आईसोलेशन
बेड
जिसमें
ऑक्सीजन
व
अन्य
इंतजाम
शामिल
हैं-
10
हजार
रुपए,
इसमें
पीपीई
किट
कीमत
शामिल
है।
गंभीर
मरीज
के
लिए
आईसीयू
बिना
वेंटिलेटर-
15
हजार
रुपए
जिसमें
पीपीई
किट
की
कीमत
शामिल
है।
बेहद
गंभीर
मरीज
के
लिए
आईसीयू
वेंटिलेटर
केयर,
एन्वेसिव-नॉन
एन्वेसिव-
18
हजार,
इसमें
पीपीई
किट
कीमत
शामिल
है।
यह
भी
दिए
निर्देश
-
कांटेक्ट
ट्रेसिंग
यानी
मरीज
के
सम्पर्क
में
आने
वाले
लोगों
का
ब्योरा
पोर्टल
पर
दर्ज
हो
-
निजी
लैब
को
निजी
अस्पतालों
में
भर्ती
मरीजों
की
जांच
के
लिए
एमओयू
करना
होगा
-
निजी
अस्पतालों
को
हर
चार
घंटे
में
खाली
बेडों
की
सूचना
कंट्रोल
रूम
को
देनी
होगी
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