प्रयागराज और महोबा के निलंबित पुलिस अधिकारियों की संपत्तियों की होगी जांच, सीएम योगी ने कहा- जल्द सजा दिलवाई जाए
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई जारी है। प्रयागराज और महोबा के पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड करने के बाद मुख्यमंत्री योगी ने इन अधिकारियों की संपत्तियों की जांच के आदेश दिए हैं। गृह विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में इसकी जानकारी दी गई है। कहा गया है कि अनियमितता और भ्रष्टाचार के मामलों में निलंबित एसएसपी अभिषेक दीक्षित और निलंबित पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार की संपत्तियों की विजिलेंस के माध्यम से जांच कराई जाएगी। इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश जारी किए हैं।
सीएम योगी ने शीघ्र दंडित किए जाने के निर्देश दिए
गृह विभाग के प्रवक्ता के मुताबिक, सीएम योगी ने यह निर्देश भी दिया है कि निलंबित अधिकारियों द्वारा की गई अनियमितताओं में संलिप्त पुलिसकर्मियों की अलग से जांच कर उन्हें भी दंडित किया जाए। शासन की ओर से इस संबंध में पुलिस महानिदेशक को कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। बता दें, बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार और अनियमितता के आरोप में प्रयागराज के एसएसपी अभिषेक दीक्षित और महोबा के एसपी मणिलाल पाटीदार को निलंबित कर दिया था। गृह विभाग के मुताबिक, एसएसपी प्रयागराज के रूप में तैनाती की अवधि में अभिषेक दीक्षित की ओर से अनियमितताएं किए जाने, शासन और मुख्यालय के निर्देशों का अनुपालन सही ढंग से नहीं किए जाने का आरोप है। इसके अलावा अभिषेक दीक्षित पर तैनाती में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का भी आरोप है।
जानें क्यों सस्पेंड किए गए थे महोबा के एसपी?
वहीं, महोबा के एसपी रहे मणिलाल पाटीदार पर गिट्टी परिवहन में लगे वाहनों से अवैध रूप से पैसे मांगे जाने के आरोप लगे थे। बताया गया था कि इसकी मांग पूरी ना करने पर वाहन स्वामी का उत्पीड़न भी किया गया था। गृह विभाग ने कहा कि एसपी की इस कार्रवाई से सरकार की छवि धूमिल हुई, जिसके कारण उनपर कार्रवाई की गई। एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीते तीन साल में उत्तर प्रदेश में 775 भ्रष्ट और दागी अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है। यहां तक कि कई अधिकारियों और कर्मचारियों को जबरन रिटायर कर उन्हें सेवा से भी बाहर कर दिया गया।
यूपी में दो दिन में दो IPS पर गिरी गाज, भ्रष्टाचार के आरोप में महोबा के एसपी सस्पेंड