जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए कन्नौज के वीरपाल सिंह, सीएम योगी ने परिजनों को 50 लाख रुपए आर्थिक मदद का किया ऐलान
लखनऊ। जम्मू कश्मीर के राजौरी के सुंदरबनी बॉर्डर पर पेट्रोलिंग के दौरान 55 वर्षीय वीरपाल सिंह शहीद हो गए। वीरपाल सिंह कन्नौज के नादेमऊ थाना क्षेत्र के भाग्गी पुरवा के रहने वाले थे। वह 1995 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे। वर्तमान में वह राजौरी सुंदरबनी में तैनात थे। 2/3 की पेट्रोलिंग करते समय पैर फिसलने से नीचे जा गिरे और शहीद हो गए। वीरपाल के निधन से घर में कोहराम मच गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद के परिजनों को 50 लाख की आर्थिक सहायता व एक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान करने का ऐलान किया है। साथ ही कहा कि जनपद कन्नौज की एक सड़क का नामकरण भी शहीद वीर पाल जी की स्मृति में होगा।
जनवरी में छुट्टी पर घर आए थे वीरपाल, की थी बेटी की शादी
शहीद के बेटे ने बताया कि वीरपाल सिंह इसी साल 27 जनवरी को एक महीने की छुट्टी में घर आए थे। इस दौरान उन्होंने बड़ी बेटी पूनम पाल की शादी की थी। शहीद के इकलौते बेटे चमन प्रताप के मुताबिक, पिता से आखिरी बार एक सितंबर की रात 9 बजे बात हुई थी। इस दौरान उन्होंने बताया था कि छुट्टी मंजूर हो गई है। वह सितंबर में ही घर आने वाले थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद के परिजनों को 50 लाख रुपए की मदद का ऐलान किया है।
चार भाइयों में दूसरे नंबर के थे वीरपाल
वीरपाल अपने चार भाइयों में दूसरे नंबर के थे। बड़े भाई सुरेंद्र पाल सोनीपत में रहते हैं। दूसरे नंबर के भाई उम्मेद पाल भी सोनीपत में नौकरी करते हैं। तीसरे नंबर पर सत्येंद्र पाल दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करते हैं। वीरपाल के घर में 72 वर्षीय मां विद्यावती हैं। पत्नी राम मूर्ति, एक बेटा और तीन बेटियां हैं। 22 वर्षीय बेटा चमन प्रताप उर्फ विकास सबसे बड़ा है। दूसरे नंबर की बेटी पूनम पाल है, जिसकी इसी साल शादी हुई है। तीसरे नंबर की बेटी पारुल पाल (19), चौथे नंबर की बेटी दुर्गापाल 12 साल की है।
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