पुलिस स्मृति दिवस-2020: कानपुर शूटआउट में शहीद हुए थे पुलिसकर्मी, सीएम योगी ने परिवार को किया सम्मानित
लखनऊ। राजधानी लखनऊ स्थित पुलिस लाइन में पुलिस स्मृति दिवस 2020 कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने कानपुर शूटआउट में ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी। साथ ही पुलिसकर्मियों के परिवार वालों को सम्मानित किया। वहीं, कोरोना वायरस संकटकाल में पुलिस की भूमिका की भी सीएम योगी ने सराहना की।
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2019-2020
में
9
पुलिसकर्मी
हुए
शहीद
पुलिस
स्मृति
दिवस
2020
कार्यक्रम
को
संबोधित
करते
हुए
प्रदेश
के
सीएम
योगी
आदित्यनाथ
ने
कहा
कि
2019-20
में
उत्तर
प्रदेश
पुलिस
के
नौ
जवान
शहीद
हुए
हैं।
इस
दौरान
उन्होंने
कानपुर
शूटआउट
में
ड्यूटी
के
दौरान
जान
गंवाने
वाले
सीओ
देवेंद्र
मिश्रा,
सब
इंस्पेक्टर
अनूप
कुमार
सिंह,
सब
इंस्पेक्टर
महेश
कुमार
यादव,
सब
इंस्पेक्टर
नेबूलाल,
सिपाही
जितेंद्र
कुमार
पाल,
सुल्तान
सिंह,
राहुल
कुमार
और
बबलू
कुमार
के
परिवार
वालों
से
मुलाकात
की
और
उन्हें
सम्मानित
किया।
सुल्तानपुर
जिले
में
तैनात
रहे
हेड
सिपाही
जितेंद्र
कुमार
मौर्य
के
परिवार
को
भी
सम्मानित
किया
गया।
जितेंद्र
कुमार
की
एक
हमले
में
3
अक्टूबर
2019
को
शहादत
हुई
थी।
122
शहीदों
के
परिजनों
को
दिए
26
करोड़
सीएम
ने
शहीद
के
परिजनों
को
आश्वस्त
किया
कि
सरकार
उनके
साथ
खड़ी
है।
26
करोड़
रुपए
122
शहीदों
के
परिजनों
को
दिए।
साथ
ही
कहा
कि
बिकरु
कांड
में
शहीद
पुलिस
कर्मियों
को
50
लाख
की
जगह
एक
करोड़
रुपए
दिए
गए।
मनोबल
बढ़ाने
के
लिए
26
जनवरी
और
15
अगस्त
को
विभिन्न
पदक
दिए
गए।
इस
दौरान
सीएम
योगी
ने
पुलिस
के
लिए
किए
गए
कामों
को
गिनाया।
उन्होंने
कहा
कि
अपराधियों
के
प्रति
जीरो
टॉलरेंस
है,
125
बदमाश
एनकाउंटर
में
मारे
गए
हैं,
जबकि
2607
घायल
हुए
हैं।
महिला
बटालियन
के
लिए
सृजित
किए
गए
है
3687
पद
सभी
अपराधी
जेल
में
हैं
या
मारे
गए
हैं।
इस
दौरान
सीएम
योगी
ने
पुलिस
बल
द्वारा
किए
गए
काम
की
तारीफ
की,
उन्होंने
कहा
कि
कोविड
से
निपटने
के
लिए
पुलिस
ने
अहम
भूमिका
निभाई।
महिला
बटालियन
के
लिए
3687
पद
सृजित
किए
गए
हैं।
मिशन
शक्ति
चलाया
जा
रहा
है।
21
अक्टूबर
को
मनाया
जाता
है
पुलिस
स्मृति
दिवस
'पुलिस
स्मृति
दिवस'
से
जुड़ी
एक
कहानी
है,
जो
उसके
महत्व
को
दर्शाती
है।
दरअसल,
21
अक्टूबर
1959
में
लद्दाख
में
तीसरी
बटालियन
की
एक
कंपनी
को
भारत-तिब्बत
सीमा
की
सुरक्षा
के
लिए
लद्दाख
में
'हाट-स्प्रिंग'
में
तैनात
किया
गया
था।
21
जवानों
का
गश्ती
दल
'हाट-स्प्रिंग'
में
गश्त
कर
रहा
था,
तभी
चीनी
फौज
के
एक
बहुत
बड़े
दस्ते
ने
इस
गश्ती
टुकड़ी
पर
हमला
कर
दिया।
तब
बल
के
मात्र
21
जवानों
ने
चीनी
आक्रमणकारियों
का
डटकर
मुकाबला
किया।
मातृभूमि
की
रक्षा
के
लिए
लड़ते
हुए
10
शूरवीर
जवानों
ने
अपने
प्राणों
का
बलिदान
दिया।
बीते
61
साल
से
केंद्रीय
रिजर्व
पुलिस
बल
के
इन
बहादुर
जवानों
के
बलिदान
को
देश
के
सभी
केंद्रीय
पुलिस
संगठनों
व
सभी
राज्यों
की
सिविल
पुलिस
द्वारा
'पुलिस
स्मृति
दिवस'
के
रूप
में
मनाया
जाता
है।