CAA: सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर कार्रवाई शुरू, उपद्रवियों पर NSA लगाने की तैयारी
लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) के खिलाफ उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन हुआ। इस हिंसक प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर अब कार्रवाई शुरू हो गई है। नुकसान का आकलन करने के लिए यूपी सरकार ने चार सदस्यीय कमिटी बनाई है। साथ ही उपद्रवियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाने की तैयारी है। बता दें कि मुजफ्फरनगर में प्रशासन ने कथित उपद्रवियों से जुड़ी 50 दुकानों को सील कर दिया है। साथ ही गोरखपुर में पुलिस ने उपद्रवियों की फोटो सोशल मीडिया पर जारी कर पहचान बताने वालों को इनाम देने की घोषणा की है।
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सूचना देने वालों को मिलेगा इनाम
दरअसल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि यूपी में हुई हिंसा से हुए नुकसान की भरपाई उपद्रवियों की संपत्ति जब्त कर की जाएगी। सीएम के इस ऐलान के दो दिन बाद शनिवार से ही उपद्रवियों की पहचान कर नोटिस भेजना शुरू हो गया। बता दें कि लखनऊ में 250 लोगों को वीडियो फुटेज और फोटो के आधार पर चिन्हित कर गिरफ्तार किया गया है। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि बाकी प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। वहीं, गोरखपुर में उपद्रवियों को चिन्हित कर फोटो जारी कर दिए गए है। साथ ही इनके बारे में सूचना देने वालों व्यक्तियों के नाम और पता गोपनीय रखा जाएगा एवं उचित इनाम दिया जाएगा।
मुजफ्फरनगर में 50 दुकानों को किया गया सील
वहीं, दूसरी तरफ मुजफ्फरनगर में प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 50 दुकानों को सील कर दिया है। मुजफ्फरनगर एसपी अभिषेक यादव ने 'टाइम्स ऑफ इंडिया' से बातचीत करते हुए बताया कि 'जिन दुकानों को सील गिए गए, उनमें ज्यादातर मिनाक्षी चौक और कच्ची सड़क इलाकों में हैं। इन इलाकों में सबसे ज्यादा उपद्रव मचाया गया था। हमें इस बात का पता लगा रहे हैं कि यह सभी दुकानें क्यों बंद थी और दुकान के पास भीड़ क्यों जुटी थी।'
नुकसान के आकलन में जुटी टीम
वहीं, राजधानी लखनऊ में चार टीमें नुकसान के आकलन में जुटी हैं। इसके बाद उपद्रवियों पर कार्रवाई की जाएगी। टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कई जिलों के डीएम ने बताया कि उपद्रवियों की पहचान सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्यों के आधार पर की जा रही है। एक बार पहचान हो गई तो उन पर कार्रवाई सुनिश्चित है।
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अब तक 16 की मौत
पुलिस महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) प्रवीण कुमार ने बताया कि 'राज्य में नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहे 10 दिसंबर से प्रदर्शन में 705 लोग गिरफ्तार किए गए हैं जबकि 4500 लोगों को ऐहतियातन गिरफ्तारी के बाद रिहा कर दिया गया। इन घटनाओं में 16 लोगों की मौत हुई है। वहीं, 263 पुलिसकर्मी हिंसक प्रदर्शनों में घायल हुए हैं, जिनमें से 57 लोग आग से झुलसे हैं।' जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है। फिलहाल सभी की हालत खतरे बाहर है।