लखनऊ न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

कानपुर शूटआउट की कहानी चौबेपुर थाने के घायल सब-इंस्पेक्टर ने बताई, जानिए कब क्या हुआ

Google Oneindia News

लखनऊ। कानपुर शूटआउट में घायल हुए सब-इंस्पेक्टर सुधाकर पांडेय अब खतरे से बाहर है, उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। वो इस समय लखनऊ स्थित अपने आवास पर है। इस दौरान उन्होंने मीडिया कर्मियों से बात करते हुए बताया कि 2 जुलाई की रात 12 बजे बिकरू गांव में क्या हुआ। सब-इंस्पेक्टर सुधाकर पांडेय ने बताया कि उस रात पुलिस एनकाउंटर करने के इरादे से बिकरू गांव नहीं गई थी और न ही उनके पास पर्याप्त मात्रा में असलहे थे। लेकिन विकास दुबे और उसका गैंग पूरी तैयारी में था।

ये भी पढ़ें:-बिठूर थाने के घायल कोतवाल ने बताया- विकास दुबे के घर पर दबिश देने गयी पुलिस टीम के साथ क्या हुआ था?ये भी पढ़ें:-बिठूर थाने के घायल कोतवाल ने बताया- विकास दुबे के घर पर दबिश देने गयी पुलिस टीम के साथ क्या हुआ था?

Recommended Video

Kanpur Encounter: तो क्या Faridabad में Police के हाथ से निकल गया Vikas Dubey? | वनइंडिया हिंदी
विकास दुबे को दबिश देने गई पुलिस टीम में शमिल थे सुधाकर

विकास दुबे को दबिश देने गई पुलिस टीम में शमिल थे सुधाकर

सब इंस्पेक्टर सुधाकर पांडेय गोला थाना क्षेत्र के बेलवार पाठक गांव के रहने वाले हैं। उनकी पत्नी और बच्चे कानपुर में ही हैं, यहां उनके बुजुर्ग मां-बाप तथा भाई का परिवार है। सुधाकर पांडेय की तैनाती कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र में है। इसी थाने के बिकरू गांव में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई टीम में वह भी शामिल थे। उन्होंने शूटआउट की पूरी कहानी मीडियो को बताई। कहा कि विकास दूबे को हम लोगों के गतिविधियों की पूरी जानकारी थी। उसने रास्ते में जेसीबी खड़ा करा दिया और गांव में बिजली की आपूर्ति बाधित करवा दी। इस सबसे अंजान हम लोग अगल-बगल के थानों से फोर्स लेकर सीओ के नेतृत्व में दबिश देने पहुंचे थे।

खून से भीगी जा रही थी वर्दी

खून से भीगी जा रही थी वर्दी

पुलिस टीम में लगभग ढाई दर्जन लोग थे। रात के करीब एक बजे हम लोग विकास दुबे के गांव पहुंचे तो रास्ते में जेसीबी खड़ी मिली। हम लोग ने अपने वाहन उसके घर से 500 मीटर दूर खड़ा किया और सीओ के पीछे चल दिए। इसकी पल-पल की वह निगरानी कर रहा था। जैसे ही पुलिस गांव पहुंची बिजली चली गई। अभी हम लोग उसके गेट पर पहुंचने वाले थे कि छत के ऊपर से ताबड़तोड़ गोलियां चलने लगीं। करीब 35 से 40 लोगों ने पुलिस टीम को घेर कर हमला कर दिया था। जब तक हम लोग कुछ समझ पाते कई लोगों को गोली लग चुकी थी और उनकी वर्दी खून से भीगी जा रही थी, जो जहां जगह पाया वह वहीं छिप गया।

आंख के पास लग गई गोली

आंख के पास लग गई गोली

मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि ऊपर गोलियां चल रही थी, इसी दौरान एक गोली मेरी आंखे के पास लग गई। साथ गया कांस्टेबल इस दौरान एक शौचालय में छिप गए। वह शौचालय को निशाना बनाकर गोलियां चलाते रहे। शौचालय में भी अपने को सुरक्षित न पाकर किसी तरह वाहन की ओर भागा तब तक थानाध्यक्ष बिठुर कौशलेंद्र प्रताप सिंह और चार अन्य जवान घायल हो गए। उन्होंने बताया कि कुछ ही मिनट में बदमाशों ने सैकड़ों राउंड गोलियां पुलिस टीम के ऊपर चला दी। गोलियां चलते ही पुलिस टीम ने मौके पर मोर्चा संभाला लेकिन बदमाशों ने अंधेरे का लाभ उठाया।

 ये भी पढ़ें:- विकास दुबे ने जिस पिस्टल से पुलिसकर्मियों पर चलाई थी गोली, वो हुई बरामद ये भी पढ़ें:- विकास दुबे ने जिस पिस्टल से पुलिसकर्मियों पर चलाई थी गोली, वो हुई बरामद

Comments
English summary
Chaubepur sub-inspector sudhakar pandey told the story of kanpur shootout case
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X