Mining Scam: सीबीआई ने 9 स्थानों पर मारे छापे, पूर्व आईएएस Satyendra Singh के घर मिली अकूत संपत्ति
Satyendra Singh Former IAS, लखनऊ। पूर्व आईएएस सत्येंद्र सिंह (Satyendra Singh) समेत 10 आरोपियों के लखनऊ, कौशांबी और प्रयागराज में नौ ठिकानों पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने छापेमारी की। छापेमारी की यह कार्यवाई नियमों को ताक पर रखकर खनन के पट्टे आवंटित करने के मामले हुई है। इस दौरान सीबीआई ने पूर्व आईएएस के लखनऊ स्थित आवास से करोड़ों की अकूत संपत्ति भी बरामद की है।
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सत्येंद्र सिंह पूर्व आईएएस, तत्कालीन सपा सरकार के चहेते अधिकारी रहे हैं। वह लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और लखनऊ के डीएम भी रह चुके हैं। उन पर आरोप हैं कि कौशांबी में डीएम रहते हुए उन्होंने शासन के निर्देशों की अनदेखी की और अपने चहेतों को बिना टेंडर की शर्तों का अनुपालन किए हुए खनिज खनन का करोड़ों रुपए का ठेका दे दिया। इस बात का खुलासा केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच में हुआ है।
दरअसल, हाईकोर्ट ने वर्ष 2016 में कौशांबी में गैरकानूनी ढंग से हुए घोटाले की जांच सीबीआई को करने के आदेश दिए थे। इस मामले में सीबीआई प्रारंभिक छानबीन कर रही थी और सबूत जुटाने के बाद सीबीआई ने छापे की कार्रवाई की। जांच में पता चला कि तत्कालीन डीएम कौशांबी के पद पर रहते हुए सत्येंद्र सिंह ने वर्ष 2012-14 के बीच कुछ चहेतों को खनन का ठेका दिया। उन्होंने शासन के नियमों के खिलाफ दो नए ठेके अलग-अलग जारी किए। इसी के साथ नौ पट्टों का नवीनीकरण अपने खास लोगों के पक्ष में कर दिया।
सत्येंद्र
सिंह
समेत
10
के
खिलाफ
केस
दर्ज
सीबीआई
ने
ठेके
से
जुड़े
दस्तावेजों
का
परीक्षण
किया
तो
अनियमितता
सामने
आई।
पता
चला
कि
शासन
ने
31
मई
2012
को
आदेश
दिया
था
कि
खनन
के
सभी
टेंडर
ई-टेंडर
के
जरिये
दिए
जाएं
लेकिन
इस
पर
अमल
नहीं
किया
गया।
सीबीआई
ने
प्रारंभिक
जांच
करने
के
बाद
पूर्व
आईएएस
सत्येंद्र
सिंह
समेत
10
खनन
व्यापारियों
पर
भी
केस
दर्ज
किया।
इस
में
मुख्य
रूप
से
सत्येंद्र
सिंह,
कौशांबी
के
नेपाली
निषाद,
नरनारायण
मिश्रा,
रमाकांत
द्विवेदी,
खेमराज
सिंह,
मुन्नी
लाल,
शिव
प्रकाश
सिंह,
राम
अभिलाष,
योगेंद्र
सिंह
और
प्रयागराज
निवासी
राम
प्रताप
सिंह
को
नामजद
कर
एफआईआर
दर्ज
की
है।
सत्येंद्र
सिंह
के
खिलाफ
पद
के
दुरुपयोग,
भ्रष्टाचार
निवारण
अधिनियम
और
अमानत
में
खयानत
का
मुकदमा
दर्ज
किया
गया
है।
छापे
में
अकूत
संपत्ति
का
खुलासा
सीबीआई
ने
छापे
में
अचल
संपत्ति
से
जुड़े
44
दस्तावेज
बरामद
किए
हैं।
सीबीआई
इनकी
कीमत
का
आकलन
कर
रही
है।
सीबीआई
के
सूत्रों
का
दावा
है
कि
इनकी
बाजार
में
कीमत
करीब
50
करोड़
रुपए
के
आसपास
होगी।
सीबीआई
को
छापे
में
36
बैंक
खातों
की
जानकारी
मिली
है,
वहीं
उनके
घर
से
10
लाख
रुपए
नकद
मिले
हैं।
सीबीआई
को
उनके
छह
बैंक
लॉकरों
की
जानकारी
मिली।
बैंक
लॉकर
की
छानबीन
में
सीबीआई
को
2.11
करोड़
रुपये
कीमत
के
सोने
के
जेवर
व
अन्य
जेवरात
बरामद
हुए
हैं।
साथ
ही
लॉकर
से
सीबीआई
ने
एक
लाख
रुपए
की
पुरानी
करेंसी
भी
बरामद
की
है।
इनके
ठिकानों
पर
पड़े
छापे
सत्येंद्र
सिंह
(पूर्व
आईएएस)
-
लखनऊ
नेपाली
निषाद
-
कौशांबी
नर
नारायण
मिश्रा
-
कौशांबी
रमाकांत
द्विवेदी
-
कौशांबी
खेमराज
सिंह
-
कौशांबी
राम
प्रताप
सिंह
-
प्रयागराज
मुन्नी
लाल
-
कौशांबी
शिव
प्रकाश
सिंह
-
कौशांबी
राम
अभिलाष
-
कौशांबी
योगेंद्र
सिंह
-
कौशांबी