खनन घोटाला: CBI ने पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के घर पर मारा छापा, परिजनों से कर रही है पूछताछ
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता व पूर्व खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। बुधवार को सीबीआई की टीम ने प्रजापति के अमेठी स्थित आवास पर छापा मारा है। सूत्रों की मानें तो खनन मामले में गायत्री के परिजनों से पूछताछ की जा रही है। साथ ही अहम दस्तावेज जुटाए जा रहे है। फिलहाल गायत्री प्रजापति रेप के आरोप में जेल में बंद हैं। बता दें कि खनन घोटाले की जांच कर रही सीबीआई आज यूपी और दिल्ली समेत 22 ठिकानों पर छापेमारी की है।
क्या है पूरा मामला
खनन घोटाला समाजवादी पार्टी की सरकार में वर्ष 2012 से 2016 के बीच हुआ था। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने इस घोटाले की जांच शुरु की थी। हाईकोर्ट ने दो अलग-अलग जनहित याचिकाओं पर 28 जुलाई 2016 को अवैध खनन की जांच के आदेश दिए थे। जांच में सीबीआई को साल 2012-16 के दौरान हमीरपुर जिले में व्यापक पैमाने पर अवैध खनन किए जाने के साक्ष्य मिले, जिससे बड़े पैमाने पर सरकारी राजस्व को क्षति पहुंची।
इन लोगों के खिलाफ दर्ज है मामला
यूपी में अवैध खनन के मामले में सीबीआई 11 लोगों के खिलाफ एक मामला दर्ज कर चुकी है। सीबीआई ने हमीरपुर जिले की पूर्व कलेक्टर और आईएएस अधिकारी बी. चंद्रकला, खनिक आदिल खान, भूवैज्ञानिक/खनन अधिकारी मोइनुद्दीन, समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता रमेश कुमार मिश्रा, उनके भाई दिनेश कुमार मिश्रा, राम आश्रय प्रजापति, हमीरपुर के खनन विभाग के पूर्व क्लर्क संजय दीक्षित, उनके पिता सत्यदेव दीक्षित और रामअवतार सिंह के नाम प्राथमिकी में शामिल हैं। संजय दीक्षित ने 2017 विधानसभा चुनाव बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर लड़ा था।
पूर्व सीएम अखिलेश यादव से भी हो सकती है पूछताछ
मीडिया रिपोर्ट के मुताबित, अवैध खनन केस की आंच पूर्व सीएम अखिलेश यादव तक पहुंचती दिख रही है। वे 2012 से 2017 के मुख्यमंत्री थे। अवैध खनन का मामला 2012-2016 के बीच सामने आया था। इस मामले में एजेंसी कभी भी उनसे पूछताछ कर सकती है। सीबीआई ने हाईकोर्ट के आदेश पर सपा सरकार में हुए खनन घोटाले की जांच शुरू की थी। इस मामले में सीबीआई ने 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थीं। इसमें मुख्य रूप से बांदा, हमीरपुर, बुलंदशहर आदि जिलों में दिए गए खनन के पट्टों की जांच की जा रही थी। सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि कई जिलों में मनमाने ढंग से खनन के पट्टे दिए गए।
पहले भी हुई थी छापेमारी
अवैध खनन से जुड़े मामलों में सीबीआई ने 5 जनवरी को यूपी और दिल्ली में 12 जगहों पर छापेमारी की गई थी। इसमें वरिष्ठ आईएएस अधिकारी बी. चंद्रकला का नाम भी शामिल था जिनके घर पर छापेमारी हुई थी। चंद्रकला बिजनौर, बुलंदशहर और मेरठ की कलेक्टर रह चुकी हैं। अखिलेश यादव सरकार में चंद्रकला अवैध खनन मामले को लेकर प्रकाश में आई थीं।