मायावती ने अखिलेश पर फिर किया वार, कहा- सपा की हालत खराब हो गई
लखनऊ, 17 जून: यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं। जोड़-तोड़ और आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति शुरू हो गई है। इस बीच बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने एक बार फिर समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव पर निशाना साधा है।
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मायावती ने कहा- सपा की हालत इतनी ज्यादा खराब हो गई कि...
मायावती ने ट्वीट किया, ''सपा की हालत इतनी ज्यादा खराब हो गई है कि अब आएदिन मीडिया में बने रहने के लिए दूसरी पार्टी से निष्कासित व अपने क्षेत्र में प्रभावहीन हो चुके पूर्व विधायकों व छोटे-छोटे कार्यकर्ताओं आदि तक को भी सपा मुखिया को उन्हें कई-कई बार खुद पार्टी में शामिल कराना पड़ रहा है।'' मायावती ने आगे लिखा, ''ऐसा लगता है कि सपा मुखिया को अब अपने स्थानीय नेताओं पर भरोसा नहीं रहा है, जबकि अन्य पार्टियों के साथ-साथ खासकर सपा के ऐसे लोगों की छानबीन करके उनमें से केवल सही लोगों को बीएसपी के स्थानीय नेता आएदिन बीएसपी में शामिल कराते रहते है, जो यह सर्वविदित है।''
बसपा की बागी विधायकों ने अखिलेश से की थी मुलाकात
बता दें, बीते दिनों बसपा से निष्कासित 11 बागी विधायक सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिले थे। चर्चा थी कि ये विधायक समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, बागी विधायक असलम राईनी ने विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात के बाद कहा कि वह नई पार्टी का गठन करेंगे और उनके नेता लालजी वर्मा होंगे।
मायावती ने सपा को घेरा
मायावती ने एक दिन पहले भी इस मुद्दे पर सपा को घेरा था। उन्होंने कहा था कि घृणित जोड़तोड़, द्वेष व जातिवाद की संकीर्ण राजनीति में माहिर समाजवादी पार्टी द्वारा मीडिया के सहारे यह प्रचारित करना कि बीएसपी के कुछ विधायक टूट कर सपा में जा रहे हैं घोर छलावा। जबकि उन्हें काफी पहले ही सपा व एक उद्योगपति से मिलीभगत के कारण राज्यसभा के चुनाव में एक दलित के बेटे को हराने के आरोप में बीएसपी से निलम्बित किया जा चुका है।
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'सपा का चाल, चरित्र हमेशा ही दलित-विरोधी रहा है'
मायावती ने कहा कि सपा अगर इन निलम्बित विधायकों के प्रति थोड़ी भी ईमानदार होती तो अब तक इन्हें अधर में नहीं रखती। क्योंकि इनको यह मालूम है कि बीएसपी के यदि इन विधायकों को लिया तो सपा में बगावत व फूट पड़ेगी, जो बीएसपी में आने को आतुर बैठे हैं। जगजाहिर तौर पर सपा का चाल, चरित्र व चेहरा हमेशा ही दलित-विरोधी रहा है, जिसमें थोड़ा भी सुधार के लिए वह कतई तैयार नहीं। इसी कारण सपा सरकार में बीएसपी सरकार के जनहित के कामों को बन्द किया व खासकर भदोई को नया संत रविदास नगर जिला बनाने को भी बदल डाला, जो अति-निन्दनीय।
1. सपा की हालत इतनी ज्यादा खराब हो गई है कि अब आएदिन मीडिया में बने रहने के लिए दूसरी पार्टी से निष्कासित व अपने क्षेत्र में प्रभावहीन हो चुके पूर्व विधायकों व छोटे-छोटे कार्यकर्ताओं आदि तक को भी सपा मुखिया को उन्हें कई-कई बार खुद पार्टी में शामिल कराना पड़ रहा है। 1/2
— Mayawati (@Mayawati) June 17, 2021
'यूपी में बीएसपी जन आकांक्षाओं की पार्टी बनकर उभरी है'
मायावती ने कहा कि बीएसपी के निलम्बित विधायकों से मिलने आदि का मीडिया में प्रचारित करने के लिए कल किया गया सपा का यह नया नाटक यूपी में पंचायत चुनाव के बाद अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख के चुनाव के लिए की गई पैंतरेबाजी ज्यादा लगती है। यूपी में बीएसपी जन आकांक्षाओं की पार्टी बनकर उभरी है जो जारी रहेगा।