'राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए तो बेहतर...' जालौर में दलित छात्र की हत्या पर भड़कीं मायावती
लखनऊ, 14 अगस्त: राजस्थान के जालौर जिले में मासूम दलित छात्र ने स्कूल में मटके से पानी पी लिया तो सवर्ण शिक्षक ने उसे बुरी तरह पीट दिया। बच्चे की इलाज दौरान मौत हो गई। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। आरोपी शिक्षक तो गिरफ्तार को गया, लेकिन जातिवाद का शिकार हुआ मासूम अब कभी लौटकर वापस नहीं आ पाएगा। छात्र का परिवार अभी भी सदमे में है। इस बीच बसपा प्रमुख मायावती ने घटना की कड़े शब्दों में निंदा और भर्त्सना की है। साथ की राजस्थान की कांग्रेस सरकार को घेरा है। यही नहीं, मायावती ने राजस्थान में मौजूदा सरकार को बर्खास्त कर वहां राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की भी मांग कर दी है।
मायावती ने कहा - घटना की जितनी निन्दा व भर्त्सना की जाए वह कम।
बसपा प्रमुख मायावती ने इस मामले में रविवार को दो ट्वीट किए। मायावती ने अपने पहले ट्वीट में लिखा, ''राजस्थान के जालौर जिले के सुराणा में प्राइवेट स्कूल के 9 साल के दलित छात्र द्वारा प्यास लगने पर मटके से पानी पीने पर सवर्ण जाति के जातिवादी सोच के शिक्षक ने उसे इतनी बेरहमी से पीटा कि कल उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। इस हृदय विदारक घटना की जितनी निन्दा व भर्त्सना की जाए वह कम।'' मायावती ने अपने अगले ट्वीट में कहा, ''राजस्थान में आएदिन ऐसी जातिवादी दर्दनाक घटनाएं होती रहती हैं। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस की सरकार वहाँ खासकर दलितों, आदिवासियों व उपेक्षितों आदि के जान व इज्जत-आबरू की सुरक्षा करने में नाकाम है। अतः इस सरकार को बर्खास्त कर वहाँ राष्ट्रपति शासन लगाया जाये तो बेहतर।''
क्या है पूरा मामला ?
बता दें, राजस्थान के जालोर जिले के सायला थाना क्षेत्र के सुराणा गांव में 20 जुलाई को तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले 9 साल के इंद्र मेघवाल ने पानी की मटकी को छू ली थी। इसको लेकर टीचर छैल सिंह ने उसकी इतनी पिटाई की थी कि उसकी कान की नस फट गई। 24 दिन तक बच्चे का अहमदाबाद में इलाज चला। इसके बाद बच्चे की मौत हो गई। छात्र की मौत को लेकर इलाके में तनाव काफी ज्यादा बढ़ चुका है। स्थिति को देखते हुए जालोर में 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। आरोपी शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग हो रही है।