समाजवादी पार्टी में शामिल हुए बसपा के कई दिग्गज नेता, अखिलेश ने कहा- सपा की सत्ता में वापसी कराएगा 2022 विधानसभा चुनाव
लखनऊ। अखिलेश यादव की मौजूदगी में मंगलवार को बसपा के दिग्गज नेता व कोआर्डिनेटर अम्बेडकर नगर से पूर्व सांसद त्रिभुवन दत्त, हरदोई के शाहाबाद से बसपा से विधायक रहे आसिफ उर्फ बब्बू खां, हापुड़ की धौलाना सीट से मौजूदा बसपा विधायक असलम चौधरी की पत्नी, कानपुर देहात के कैप्टन इंद्रपाल सिंह पाल और महराजगंज के जिलांपंचयत अध्यक्ष प्रभु दयाल चौहान समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। बता दें, कांग्रेस के टिकट पर बदायूं से 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ चुके सलीम शेरवानी ने एक बार फिर समाजवादी पार्टी में वापसी कर ली है। इस मौके पर अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सपा में शामिल हुए नेताओं का स्वागत किया। साथ ही यूपी की योगी सरकार पर जमकर हमला बोला है।
2022 विधानसभा चुनाव सपा की सत्ता में वापसी कराएगा: अखिलेश
अखिलेश यादव ने कहा, 2022 में यूपी होने वाले विधानसभा चुनाव न सिर्फ समाजवादी पार्टी की सत्ता में वापसी करवाएगा, बल्कि देश की दिशा भी तय करेगा। पार्टी में जोश भरते हुए अखिलेश ने कहा कि आने वाला वक्त बताएगा कि समाजवादी पार्टी कितना मेहनत कर रही है।इस दौरान अखिलेश यादव ने सूबे की योगी सरकार पर भी जमकर हमला बोला। अखिलेश ने कहा, कोरोना से आज पूरी दुनिया लड़ रही है, लेकिन यूपी सरकार का एक ही निर्णय है, जितने कम टेस्ट उतनी कम बीमारी। ज्यादा टेस्ट होगा तो पता चलेगा कि आखिर कितने लोग बीमार हैं।
कोरोना को लेकर सरकार की तैयारियों पर खड़े किए सवाल
अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कई मंत्री, अफसर और पत्रकारों समेत बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है। वहीं, अब सरकार कह रही है कि अब इस बीमारी के साथ ही रहना होगा। अखिलेश ने सरकार की तैयारियों पर सवाल खड़े करते हुए कहा, अस्पतालों की हालत ठीक नहीं है, लोगों को इलाज नहीं मिल रहा है। सरकार अस्पतालों में व्यवस्था नहीं दे पा रही, इसलिए बोल रही है कि बीमारी के साथ रहना होगा।
यूपी की कानून-व्यवस्था पर सरकार को घेरा
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को प्रदेश की कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर भी घेरा। अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था ध्वस्त है।महिलाओं के साथ हो रहे अपराध को रोकने के लिए सरकारों को जिम्मेदारी उठानी चाहिए। सरकार आंकड़े छिपाती है, इनसे उम्मीद नहीं है न्याय की। सरकार ने एक नहीं तमाम घटनाओं में यही काम किया छिपाने का।