AN-32: एयरक्राफ्ट में लखनऊ के पुताली भी हुए शहीद, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
लखनऊ। इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) के क्रैश हुए ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट एएन-32 में कोई भी जिंदा नहीं बचा है। आईएएफ की ओर से इसकी आधिकारिक पुष्टि कर दी गई है। बता दें कि एयरक्राफ्ट में यूपी की राजधानी लखनऊ के पुताली पुत्र स्व. टिकाई भी सवार थे। वायु सेना के अधिकारियों ने परिजनों को फोन पर घटना की जानकारी देने के साथ असम पहुंचने के लिए कहा है।
पुताली के बड़े भाई मुन्नीलाल ने बताया कि वह तीन भाइयों में सबसे छोटा था। पुताली ने 2000 में वायुसेना में एनसी में कुक के पद पर सामिल हुआ था। उन्होंने विवाह नहीं किया था। पिछली बार 8 अप्रैल को छुट्टियों में घर आये थे। 2 मई को वापस लौट गये थे। जिसके बाद उनके विमान में होने और गायब होने की जनकारी मिली थी। बुधवार सुबह एयर फोर्स अधिकारियों ने फोन करके विमान का मलबा मिलने के साथ तलाशी की जानकारी दी है। साथ ही उन्होंने असम पहुंचाने को कहा था। लेकिन गरीबी और पढ़े लिखे न होने के कारण परिजन असम जाने में असमर्थ हैं। अधिकारियों से वहां पहुंचाने की गुहार लगा रहे हैं।
'कोई
नहीं
बचा
है
जिंदा'
भारतीय
वायुसेना
की
ओर
से
जारी
बयान
में
कहा
गया
है,
'वायुसेना
उन
सभी
बहादुरों
को
सलाम
करती
है
जिन्होंने
तीन
जून
को
क्रैश
हुए
एएन-32
क्रैश
में
अपनी
जान
गंवा
दी
औ
सेना
हर
पल
पीड़ितों
के
परिवार
के
साथ
खड़ी
है।
ईश्वर
उनकी
आत्मा
को
शांति
दे।'
तीन
जून
को
असम
के
जोरहाट
से
एएन-32
ने
अरुणाचल
के
मेचुका
के
लिए
उड़ान
भरी
थी।
दोपहर
12
बजकर
27
मिनट
पर
एयरक्राफ्ट
ने
टेक
ऑफ
किया
था
और
एक
बजे
रडार
से
इसका
संपर्क
टूट
गया
था।
रेस्क्यू
टीम
को
किया
गया
एयरड्रॉप
वायुसेना
और
सेना
के
हेलीकॉप्टर्स
ने
बुधवार
को
15
सदस्यों
वाली
पर्वतारोहियों
की
टीम
को
एयरड्रॉप
किया
था।
इनमें
से
आठ
लोगों
की
टीम
क्रैश
वाली
जगह
पर
पहुंची
और
उसने
इस
बुरी
खबर
के
बारे
में
आईएएफ
को
बताया।
जो
सैनिक
क्रैश
में
शहीद
हुए
हैं
उनके
नाम
हैं-
विंग
कमांडर
जीएम
चार्ल्स,
स्क्वाड्रन
लीडर
आर
थापा,
फ्लाइट
लेफ्टिनेंट
आशीष
तंवर,
फ्लाइट
लेफ्टिनेंट
एस
मोहंती,
फ्लाइट
लेफ्टिनेंट
मोहित
गर्ग,
वॉरेंट
ऑफिसर
केके
मिश्रा,
सार्जेंट
अनूप
कुमार,
कॉरपोरल
शेरिन,
लीडिंग
एयरक्राफ्ट
मैन
(एलएसी)
पंकज,
एलएसी
एसके
सिंह
और
एनसी
राजेश
कुमार
और
पुताली
की
भी
इसमें
मृत्यु
हो
गई
है।
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