गिरफ्तार भाजपाईयों से क्यों दूर रहीं सांसद एवं बीेजेपी के अन्य नेता?
बाराबंकी जिले में बीते दिनों भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा ने सीएम अखिलेश को काले झंडे दिखाने का ऐलान किया तो प्रशासन ने शांति वार्ता के नाम पर भाजयुमो के जिला उपाध्यक्ष वैभव मिश्रा को शांति वार्ता के नाम पर थाने बुलाया गया। जिसमें वैभव के साथ भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता रामबाबू द्विवेदी एवं अन्य दो दर्जन से अधिक भाजपाई रामनगर थाने पहुंचे। लेकिन ज्यादातर युवा मोर्चा के ही साथी दिखे। मामले में भाजपा के जिला संगठन हो या फिर प्रदेश संगठन दोनों ने दूरी बनाए रखी। यहां तक कि जिले मेें बीजेपी सांसद प्रियंका रावत भी इस पूरे मामले में नदारद दिखीं। प्रदेश प्रवक्ता द्विवेदी के साथ दो दर्जन से ज्यादा सभी लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।
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हालांकि गिरफ्तारी की खबर आग की तरह सोशल मीडिया के जरिए प्रवक्ता द्विवेदी की ओर से फैला दी गई। लेकिन बाराबंकी जिले की भाजपा सांसद समेत भाजपा के सभी नेता इस मामले से दूरी बनाए रहे। हालांकि ये सवाल था रामनगर थाने में मौजूद करीबन हर व्यक्ति के मन में। हां इस पूरी जानकारी के बाद शायद आपको भी यही लग रहा हो कि क्या भाजपा में अंदरूनी तौर पर सबकुछ सही नहीं चल रहा है। बहरहाल इस सवाल के जवाब के लिए वन इंडिया ने भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेताओं से बातचीत की। आईये जानते हैं उन्होंने क्या कहा।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह से वन इंडिया की बातचीत
अकेले दम पर मोर्चा संभाले हुए वैभव मिश्रा, रामबाबू द्विवेदी, विशाल सिंह, रमन तिवारी, इंद्रमणि उपाध्याय आदि दो दर्जन से अधिक लोगों की गिरफ्तारी के बाद जब वन इंडिया ने भारत सरकार में गृहमंत्री राजनाथ सिंह से बात की तो उन्होंने पूरी घटना को संज्ञान में लिया। लेकिन पत्रकार द्वारा सवाल पूछे जाने के दौरान जब फोन प्रवक्ता द्विवेदी ने ले लिया और दुखड़ा सुनाने लगे तो गृहमंत्री की ओर से फोन काट दिया गया।
किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय पाल तोमर से वन इंडिया ने की बात
खबर पर भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय पाल तोमर से जब वन इंडिया ने भाजपा नेताओं के नदारद होने की बात को प्रमुखता से उठाते हुए सवाल पूछने की कोशिश की तो उन्होंने कहा कि अभी तक ये मामला उनके संज्ञान में नहीं था, उन्हें अभी इसकी जानकारी प्राप्त हुई है। रही बात जिस तरह से गिरफ्तारी की गई है वो पूरी तरह से प्रजातंत्र का गला घोंटने जैसा ही है। हम सभी इसका विरोध करते हैं।
योगी आदित्यनाथ से विशेष बातचीत
उत्तर प्रदेश में बतौर सीएम कैंडीडेट के रूप में योगी आदित्यनाथ का नाम सबसे ऊपर चल रहा है, इस बात के मद्देनजर जब योगी को इस खबर की जानकारी देते हुए सवाल किया गया कि बड़े नेता क्यों साथ में नहीं जुटे तो उनका जवाब भी कुछ सभी से मिलता जुलता हुआ था कि इस बात की जानकारी उन्हें अभी तक नहीं थी।
किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी राजा वर्मा से वन इंडिया की बातचीत
खबर की जानकारी देने के बाद चौधरी राजा वर्मा समेत शीर्ष नेताओं ने तुरंत इस खबर को संज्ञान में लिया और प्रशासन से संपर्क साधने की कोशिश की। वन इंडिया से बातचीत में प्रदेश अध्यक्ष चौधरी राजा वर्मा ने कहा कि ये वाकई निंदनीय है कि हमारे दो दर्जन से अधिक साथियों को गिरफ्तार किया गया है।
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सूबे की सरकार अखलाक के घर गौमांस होने की पुष्टि होने के बावजूद उस खबर को गलत साबित करने की कोशिश करती है। फ्लैट देती है, पैसा देती है। मानता हूं कि सहानुभूति होनी चाहिए। कुछ गलत बात नहीं है। लेकिन हमारे साथी प्रवक्ता द्विवेदी समेत युवा मोर्चा के वैभव मिश्रा एवं अन्य साथी भी तो घाघरा के तटीय क्षेत्र में जो लोग कच्चे मकानों में रहने को मजबूर हैं उनके आवासों के लिए ही तो इस तरह की योजना बना रहे थे। क्योंकि उनके लिए वाजिब वजह भी है। प्रदेश सरकार कोई बात सुनना नहीं चाहती। तो किसी न किसी तरह जनता की समस्याओं को तो सरकार तक पहुंचाना ही है। लेकिन गिरफ्तारी कर वाकई प्रशासन ने बेहद निंदनीय कार्य किया है।
पूर्व डीजीपी एवं भाजपा नेता बृजलाल से वन इंडिया ने की बात
सबसे पहले तो भाजपा नेता बृजलाल को वन इंडिया के पत्रकार ने पूरी खबर से रूबरू कराया, उसके बाद उनसे सूबे की सरकार के प्रति उनकी राय जानने की कोशश की तो उन्होंने कहा कि ये बताईये जब मैं खुदादापुर में हुई घटना में पा्र्टी द्वारा वहां भेजा गया तो मुझे बाराबंकी टोल प्लाजा में रोकने का क्या औचित्य था। सूबे की निकम्मी सरकार प्रशासन का डर दिखाकर हमें डराना चाहती है। लेकिन हम डरने वालों में से नहीं। इन सबके इतर जब वन इंडिया ने जिलेवार हो या फिर जिले की सांसद प्रियंका रावत के पूरे मामले से दूरी बनाए रखने के संदर्भ में बात करने की कोशिश की तो उन्होंने इस सवाल का कोई जवाब नहीं दिया।
खबर को पंकज विद्यार्थी के जरिए प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या के संज्ञान में भी लाने की कोशिश वन इंडिया ने की, साथ ही पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे डॉ रमापति राम त्रिपाठी जी को भी इस बात की सूचना दी गई। जिसके बाद देर रात वैभव मिश्रा के इतर अन्य सभी को रिहा कर दिया गया। प्रवक्ता द्विवेदी ने वन इंडिया से बातचीत के दौरान कहा कि जनता देख रही है कि सपा सरकार उसके साथ किस तरह से अन्याय कर रही है, इसका जवाब उसे 2017 के चुनाव में मिलेगा। उन्होंने कहा कि थाने में करीबन हमें 5 घंटे से ज्यादा वक्त तक भूखे प्यासे बिठाए रखा गया। हालांकि सवाल अभी भी यही है कि जब सांसद प्रियंका रावत अपने भाजपा साथियों के साथ ही नजर नहीं आई फिर वो क्षेत्र में कितना नजर आती होंगी। यहां तक कि जिलाध्यक्ष अवधेश श्रीवास्तव भी अपने साथियों के साथ नहीं दिखे। अब बात उठी है तो दूर तलक जाएगी।