8 सीटों पर उपचुनाव जीतने के लिए सीएम योगी ने नेताओं को क्षेत्र में उतारा, दांव पर है सरकार की साख
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 8 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। भाजपा ने इसकी तैयारी के लिए नेताओं को मैदान में उतार दिया है। आठ सीटों में छह सीटों पर भाजपा का कब्जा था लेकिन स्वार और मल्हनी सीट पर सपा की जीत हुई थी। भाजपा अपनी छह सीटों को फिर से हासिल करना चाहती है साथ ही सपा के कब्जे से दो सीटों को छीनने की जुगत में है। इन सीटों पर उपचुनाव योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव के लिए लिटमस टेस्ट की तरह है। भाजपा अपनी सीटों को बचाने में कामयाब नहीं होती है तो यह पार्टी के लिए बड़ा झटका होगा। वहीं अखिलेश के लिए दो सीटों पर कब्जा बनाए रखने की चुनौती है। कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के बाद भाजपा सोशल मीडिया के जरिए उपचुनाव की तैयारी कर रही थी लेकिन अब अनलॉक के बाद वोटरों को लुभाने के नेता क्षेत्र में जा रहे हैं।
भाजपा के सामने बेहतर प्रदर्शन की चुनौती
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह हाल में तैयारियों का जायजा लेने के लिए आगरा गए जहां टूंडला विधानसभा सीट पर उप चुनाव होना है। इससे पहले वे देवरिया गए थे। इसी तरह भाजपा के प्रदेश महामंत्री सुनील बंसल नौगावां सादात विधानसभा क्षेत्र गए थे। उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने उन्नाव में बांगरमऊ क्षेत्र में जाकर चुनावी तैयारियों का हाल देखा। हाल में पार्टी नेताओं के साथ हुई बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि उप चुनाव वाले जिलों में लोगों तक सरकार की योजनाओं को सबसे पहले पहुंचाया जाय। घाटमपुर विधानसभा क्षेत्र में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य गए जहां उन्होंने जनता डिग्री कॉलेज का उद्घाटन किया और विकास के लिए करोड़ों की लागत वाले 71 परियोजनाओं का शिलान्यास किया।
बेरोजगारी के मुद्दे पर घिरी है भाजपा सरकार
भाजपा सरकार इस समय बेरोजगारी के मुद्दे पर घिर गई है जिसके बाद सीएम योगी ने सभी विभागों में रिक्त पदों की जानकारी मांगने के साथ-साथ सहायक अध्यापकों की भर्ती का ऐलान किया था। कांग्रेस नेता वीरेंद्र मदन ने बेरोजगारी पर योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि लोगों के सामने भाजपा की पोल खुल गई है। लोग अब जानते हैं कि बेरोजगारी और किसान समेत अन्य मोर्चों पर भाजपा सरकार फेल हुई है। बेरोजगारी के मुद्दे पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को युवाओं का समर्थन मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस को बेरोजगारी दिवस के रूप में मना रहे विरोधी दलों के साथ युवा उत्तर प्रदेश में भी कई जगहों पर प्रदर्शन करने सड़क पर उतर गए। वहीं सोशल मीडिया पर भी इस अभियान को बड़ा समर्थन मिला। प्रदेश में रोजगार, किसान, भ्रष्टाचार समेत अन्य कई मुद्दों को लेकर समाजवादी पार्टी सड़क पर विरोध प्रदर्शन कर रही है। सपा प्रवक्ता ने सुनील साजन ने कहा कि भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए प्रदेशभर में कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। जनता अब भाजपा के झांसे में नहीं आने वाली है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर क्षेत्र में भाजपा नेता
उधर भाजपा नेता उपचुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने की बात कह रहे हैं। पार्टी नेता विजय बहादुर पाठक ने निजी चैनल से बातचीत में कहा कि कोरोना वायरस की वजह से पार्टी अब तक वर्चुअल तरीके से काम करी थी लेकिन अब हम एक्चुअल मोड में हैं। नेताओं का यह दायित्व है कि वे कार्यकर्ताओं में उत्साह भरें इसलिए भाजपा के नेता मुख्यमंत्री के निर्देश पर जनता और कार्यकर्ताओं के बीच जा रहे हैं। चुनाव जिताने की जिम्मेदारी जिन मंत्रियों को दी गई है वे भी इसमें जोरशोर से लगे हैं, हमलोग पिछले चुनाव से बेहतर प्रदर्शन करेंगे। उत्तर प्रदेश में आठ विधानसभा सीटों-फिरोजाबाद की टूंडला सीट, रामपुर की स्वार, उन्नाव की बांगरमऊ, जौनपुर की मल्हनी, देवरिया की सदर सीट, बुलंदशहर, कानपुर की घाटमपुर और अमरोहा की नौगावां सादात सीट पर चुनाव होने हैं।
इन आठ सीटों पर उपचुनाव
जन्म प्रमाणपत्र में गड़बड़ी मिलने से सपा विधायक अब्दुल्ला आजम की सदस्यता इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रद्द कर दी थी जिसके बाद स्वार सीट खाली है। सपा विधायक पारसनाथ यादव के निधन के बाद जौनपुर की मल्हनी सीट खाली हुई थी। यह दोनों सीट भाजपा कभी जीत नहीं पाई है इसलिए यहां पार्टी का जोर ज्यादा है। सपा के लिए भी इन दोनों सीटों पर कब्जा बनाए रखने की चुनौती है। कुलदीप सिंह सेंगर को रेप केस में उम्रकैद मिलने के बाद बांगरमऊ सीट खाली है। डॉक्टर एसपी सिंह बघेल एमपी बने जिसे बाद टूंडला सीट खाली हुई। जनमेजय सिंह के निधन के बाद देवरिया सीट, चेतन चौहान के निधन के बाद नौगांव सादात सीट, कमलरानी वरुण के निधन के बाद घाटमपुर सीट और वीरेंद्र सिंह सिरोही के निधन के बाद बुलंदशहर सीट खाली है।
क्या
यूपी
की
8
विधानसभा
सीटों
पर
CM
योगी
को
चुनौती
दे
पाएगा
विपक्ष,
जानिए
कैसी
है
उनकी
तैयारी?