बलिया हत्याकांड: कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर फिर घिरी योगी सरकार, मायावती ने दी ये सलाह
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में कोटा आवंटन को लेकर चल रही खुली बैठक के दौरान एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई। आरोपी भाजपा विधायक का करीबी धीरेंद्र सिंह बताया जा रहा है। इस मामले में मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह सहित आठ नामजद और 25 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। धीरेंद्र अभी भी फरार है। बता दें, घटना के वक्त मौके पर एसडीएम और सीओ समेत कई पुलिसकर्मी मौजूद थे। मृतक के भाई का आरोप है कि जब बीजेपी नेता धीरेंद्र प्रताप और उसके लोग पत्थरबाजी और फायरिंग कर रहे थे तो पुलिस उनको बचाने की कोशिश कर रही थी। इस पूरे मामले में सीएम योगी ने सम्बन्धित उपजिलाधिकारी, पुलिस क्षेत्राधिकारी और मौके पर मौजूद सभी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने और घटना के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। हालांकि, विपक्ष को एक बार फिर प्रदेश सरकार की कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठाने का मौका मिल गया है।
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मायावती ने कहा- कानून-व्यवस्था दम तोड़ चुकी
बसपा सुप्रीमो मायावती ने शुक्रवार की सुबह ट्वीट करते हुए कहा, ''यूपी में बलिया की हुई घटना अति-चिन्ताजनक तथा अभी भी महिलाओं व बच्चियों पर आए दिन हो रहे उत्पीड़न आदि से यह स्पष्ट हो जाता है कि यहां कानून-व्यवस्था काफी दम तोड़ चुकी है। सरकार इस ओर ध्यान दे तो यह बेेहतर होगा। बीएसपी की यह सलाह।''
सपा ने योगी सरकार को घेरा
समाजवादी पार्टी ने ट्वीट में कहा, ''सत्ताधीश खुलेआम कानून व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं। बलिया में कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाने वाली खौफनाक वारदात सामने आई है जहां उपजिलाधिकारी और पुलिस क्षेत्राधिकारी के सामने भाजपा नेता ने युवक जय प्रकाश पाल की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस के सामने से गोली मारकर भाजपा नेता फरार भी हो गया।''
क्या है पूरा मामला?
बलिया के ग्राम सभा दुर्जनपुर और हनुमानगंज की कोटे की दो दुकानों के आवंटन के लिए गुरुवार को पंचायत भवन पर बैठक बुलाई गई। इसमें एसडीएम बैरिया सुरेश पाल, सीओ बैरिया चंद्रकेश सिंह, बीडीओ बैरिया गजेन्द्र प्रताप सिंह के साथ ही रेवती थाने की पुलिस फोर्स मौजूद थी। दुकानों के लिए चार स्वयं सहायता समूहों ने आवेदन किया। जानकारी के मुताबिक, दुर्जनपुर की दुकान के लिए आम सहमति नहीं बन सकी। ऐसे में दो समूहों मां सायर जगदंबा स्वयं सहायता समूह और शिव शक्ति स्वयं सहायता समूह के बीच मतदान कराने का निर्णय लिया गया। मौके पर मौजूद अधिकारियों ने कहा कि जिसके पास आधार कार्ड या अन्य कोई पहचान पत्र होगा वही मतदान करेगा।
जयप्रकाश की चार गोलियां मारकर हत्या
बताया जाता है कि एक पक्ष के पास तो आधार कार्ड था, लेकिन दूसरे पक्ष के पास कोई पहचान पत्र नहीं था। इसी बात पर दोनों पक्षों के वाद-विवाद शुरू हुआ। बात इतनी बढ़ी कि लाठी-डंडे और ईंट-पत्थर चलने लगा। इसी बीच एक पक्ष की ओर से फायरिंग शुरू हो गई। दुर्जनपुर के 46 वर्षीय जयप्रकाश उर्फ गामा पाल को ताबड़तोड़ चार गोलियां मार दी गईं। जयप्रकाश को गोली चलते ही भगदड़ मच गई। घायल जयप्रकाश को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हत्या का आरोप भाजपा नेता धीरेंद्र सिंह पर लगा है। धीरेंद्र सिंह मौके से फरार हो गया।