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इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरफ से नोटिस जारी होने से योगी सरकार को लगा बड़ा झटका, पूछे सवाल

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लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ( एएमयू ) के छात्रों पर एनआरसी और सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर लाठी चार्ज मामले की जांच राष्ट्रीय मानवाधिकारी आयोग ( एनएचआरसी ) को सौंप दी है। मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और जस्टिस विवेक वर्मा की खंडपीठ ने मोहम्मद अमन खान द्वारा बीते साल 15 दिसंबर को एएमयू में विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस कार्रवाई के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान आदेश दिया है।

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नागरिकता विरोधी कानून के संचालन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की बढ़ती नाराजगी के बीच, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था के आरोपों का संज्ञान लेने के लिए कदम बढ़ाया है। मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अखबारों में छपी पुलिस की ओर से की गई हिंसा, मौत और टॉर्चर की खबरों पर संज्ञान लेते हुए राज्य की योगी सरकार को नोटिस जारी किया। साथ ही कोर्ट ने पूछा कि मामले में ज्यूडिशियल इनक्वारी के आदेश क्यों नहीं हुए। हाईकोर्ट की तरफ से नोटिस जारी होने से योगी सरकार को बड़ा झटका लगा है।

आयोग को पांच सप्ताह के अंदर जांच पूरी करने का निर्देश दिया गया है और इस मामले को 17 फरवरी के लिए सूचीबद्ध किया गया है। बता दें कि इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एएमयू के छात्रों पर 15 दिसंबर 2019 को पुलिस द्वारा हिंसा के खिलाफ जनहित याचिका पर अपना फैसले को सुरक्षितरखा और बीते मंगलवार को फैसला सुनाया था। याचिका में कहा गया था कि एएमयू में साल 2019 के 13 दिसंबर को छात्र शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे।

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English summary
allahabad high court amu nrc protest nhrc up government
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