अखिलेश यादव ने अकाली दल के एनडीए से अलग होने का किया स्वागत, कही ये बातें
लखनऊ। कृषि से जुड़े कानूनों में बदलाव पर दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। इस मुद्दे पर विपक्षी दल सरकार को लगातार घेरने में जुटे हैं। यूपी कांग्रेस इस बिल के विरोध में पैदल मार्च निकाल रही है। उधर, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर भाजपा सरकार पर हमला बोला है। अखिलेश यादव ने अकाली दल के एनडीए से अलग होने का भी स्वागत किया है। इससे पहले अखिलेश ने किसानों के समर्थन में आवाज उठाते हुए कहा था कि भाजपा सरकार एमएसपी व मंडी के नाम पर सारा ध्यान फ़सल की ख़रीद-फ़रोख़्त में लगा देना चाहती है, जबकि भाजपा का असली उद्देश्य कृषि भूमि पर अप्रत्यक्ष कब्जा करना है।
भाजपा के विरोध में उनके अपने ही कार्यकर्ता
अखिलेश यादव ने रविवार को ट्वीट करते हुए कहा, ''किसानों को भाजपा की शोषणकारी नीतियों से बचाने के लिए एक जिम्मेदार दल की तरह अकाली दल के एनडीए से अलग होने का स्वागत है।'' अखिलेश ने आगे कहा, ''भाजपा के विरोध में न केवल जनता, विपक्ष व उनके सहयोगी दल हैं बल्कि उनके अपने कार्यकर्ता भी हैं क्योंकि उन्हें ही जनता के आक्रोश का सीधा सामना करना पड़ रहा है।''
अकाली दल ने एनडीए से तोड़ा नाता
विपक्षी दलों और देश के कई राज्यों के किसानों के भारी विरोध के बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को तीनों कृषि विधेयकों पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही ये विधेयक अब कानून बन गए हैं। बता दें, एनडीए में शामिल शिरोमणि अकाली दल ने इन बिलों का विरोध करते हुए पहले सरकार और फिर एनडीए से बाहर जाने का फैसला कर लिया। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा, ''यह वास्तव में भारत के लिए एक काला दिन है कि राष्ट्रपति ने राष्ट्र के विवेक के रूप में कार्य करने से इनकार कर दिया है। हमें बहुत उम्मीद थी कि वह इन बिलों को संसद में पुनर्विचार के लिए लौटा देंगे, जैसा कि अकाली दल और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने मांग की थी।''