आजम खान के बचाव में आए अखिलेश यादव, 21 सदस्यों की जांच कमेटी का किया गठन
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता व सांसद आजम खान की मुश्किल काफी बढ़ गई है और कभी भी गिरफ्तार हो सकते हैं। वहीं, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अब आजम खान के बचाव में उतर आये है। अखिलेश यादव ने इस मामले की जांच के लिए 21 सदस्यों की उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया है। विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन के नेतृत्व वाली यह कमेटी 20 जुलाई को रामपुर पहुंचेगी और मामले की जांच कर तीन दिन में अपनी सौंपेगी। दरअसल, रामपुर जिला प्रशासन द्वारा आजम खान पर किसानों की जमीन हथियाने और दो दर्जन से अधिक किसानों को बंधक बनाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है।
रामपुर जिला प्रशासन दर्ज करा रहा फर्जी मुकदमे
मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि रामपुर जिला प्रशासन सांसद आजम खान को फर्जी मुकदमे में फंसा रहा है। उन पर किसानों से भूमि संबंधित फर्जी मुकदमे दर्ज किए जा रहे है। आजम के साथ उनके विधायक पुत्र अब्दुल्ला के खिलाफ भी रिपोर्ट करायी गई है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक द्वेष के चलते आजम खान को प्रताड़ित किया जा रहा है। चौधरी ने बताया कि कमेटी अध्यक्ष अहमद हसन तीन दिन के भीतर विस्तृत रिपोर्ट सपा अध्यक्ष को सौंपेंगे, जिसके आधार पर पार्टी आगे की रणनीति तैयार करेगी।
पूर्व डीएसपी खिलाफ भी दर्ज हुआ मामला
रामपुर के अजीम नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले के अनुसार आजम खान और उनके करीबी, पूर्व डीएसपी आलेहसन खान ने दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा किया और सैकड़ों करोड़ रुपए की जमीन को आजम खान के निजी विश्वविद्यालय के लिए कब्जा किया। रामपुर के एसपी अजय पाल शर्मा ने बताया कि इस बाबत 26 किसानों ने शिकायत में कहा है कि आजम खान और आलेहसन ने जबरन उन्हें बंधक बनाया और उनपर दबावा डाला कि वह फर्जी दस्तावेज पर अपनी जमीन को बेचने के लिए हस्ताक्षर करें।
26 मामले दर्ज
एसपी अजय पाल शर्मा ने बताया कि जब किसानों ने हस्ताक्षर करने से मना कर दिया तो उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया गया। आलेहसन उस वक्त रामपुर के सीओ थे, उन्होंने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया और किसानों की जमीन पर कब्जा किया, ये किसान काफी गरीब थे। तथ्यों की पुष्टि के बाद हमने आजम खान और आलेहसन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। उत्तर प्रदेश के राजस्व विभाग द्वारा जांच के बाद यह मामला दर्ज किया गया है। रामपुर के पुलिस मुखिया ने बताया कि राजस्व विभाग की मुख्य शिकायत के आधार पर 26 अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं।
कभी भी हो सकते हैं गिरफ्तार
जब एसपी से पूछा गया कि क्या आजम खान गिरफ्तार हो सकते हैं तो उन्होंने कहा कि वह किसी भी समय गिरफ्तार हो सकते हैं। बता दें कि 2012 में अखिलेश यादव की सरकार ने यूनिवर्सिटी के लिए आजम खान को जीवनपर्यंत चांसलरशिप दी थी, जिसका यूपी के राज्यपाल ने विरोध किया था। पिछले महीने जया प्रदा ने भी आजम खान के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत की थी, जिसमे कहा गया था कि आजम खान की लोकसभा सदस्यता को रद्द किया जाए क्योंकि उनके पार विश्वविद्यालय में लाभ का पद है।