सीएम की ठोको नीति चल रही हो तो कोई बातों से ठोकेगा कोई गोली से: अखिलेश यादव
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद इनके नेताओं की भाषा खराब हो गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री की ठोको नीति चल रही हो तो कोई बातों से ठोकेगा और कोई गोली से। मंगलवार को लखनऊ में समाजवादी पार्टी मुख्यालय में पिछड़ा वर्ग की बैठक के दौरान सपा अध्यक्ष ने ये बाते कहीं।
लोगों को जागरूक करने का करेंगी सपा
बैठक के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी नेताओं का कार्यक्रम चल रहा है। 2019 से पहले यूपी में और कार्यक्रम घोषित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने अपने वादों के माध्यम से जिनके साथ भी अन्याय किया है उनके बीच पहुंचकर उन्हें जागरूक करने का काम समाजवादी पार्टी के लोग करेंगे। साथ ही समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता साइकिल के माध्यम से गांव-गांव जाकर सपा के पक्ष में माहौल बनाएंगे।
भाजपा सरकार में किसान दुखी: अखिलेश
किसानों की समस्याओं पर बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि इस सरकार ने किसानों का सब कुछ छीन लिया। गन्ना किसान दुखी है, सरकार ने कुछ नहीं दिया, धान की सही कीमत किसान को नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि शाहजहांपुर में भाजपा नेताओं ने धान का समर्थन मूल्य बढ़ाने की बात कही थी, लेकिन धान की आज तक तय नहीं की गई।
भाजपा करती है डिवाइड एंड रूल की राजनीति
मध्यप्रदेश की नई सरकार के शपथग्रहण समारोह में न जाने की बात पर हालांकि अखिलेश ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। लेकिन एमपी सरकार के किसानों के कर्ज माफी के फैसले का स्वागत करते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा कि 2 लाख रुपए माफ करने का फैसला किया गया है। सपा कर्जमाफी के पक्ष में है। सपा को जब मौका मिलेगा तब हम भी माफ करेंगे। साथ ही बीजेपी को घेरते हुए कहा कि बीजेपी हर एक मुद्दे पर हार गई है डिवाइड एंड रूल की राजनीति कर रही है।
कमलनाथ पर बोले अखिलेश
कमलनाथ के यूपी और बिहार के लोगों को लेकर दिए गए बयान पर अखिलेश ने कहा कि इस तरह का काम करना गलत है। महाराष्ट्र में सुनने को मिलता है उत्तर भारतीय क्यों आ गए। ये बात एक बार दिल्ली से भी आई थी इस तरह का फैसला लेना गलत है। ज्ञात हो कि कमलनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद कहा था कि बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के लोगों के कारण मध्य प्रदेश के स्थानीय लोगों को नौकरी नहीं मिल पाती है।' इस बयान के बाद से कमलनाथ की चौतरफा आलोचना भी हुई थी।