योगी सरकार पर अखिलेश का हमला, कहा- कम्प्यूटर के सामने दिखावे की समीक्षा करने से हालात नहीं सुधरेंगे
लखनऊ। देश में एक ओर कोरोना वायरस अपना कहर बरपा रहा रहा है। वहीं, दूसरी ओर राजनीति भी गर्म है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधते हुए सपा कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज किए जाने को अमानवीय और निंदनीय करार दिया है। अखिलेश यादव ने सोमवार को एक अखबार में छपी वाराणसी की खबर शेयर करते हुए ट्वीट किया है।
कम्प्यूटर के सामने दिखावे की समीक्षा करने से हालात नहीं सुधरेंगे
अखिलेश यादव ने ट्वीट में लिखा, 'कोरोनाकाल में सपा के कार्यकर्ताओं द्वारा राशन वितरण व जनता की सहायता करने पर उन पर भाजपा सरकार द्वारा मुकदमा दर्ज किया जाना अमानवीय व निंदनीय है।' अखिलेश ने कहा कि कम्प्यूटर के सामने दिखावे की समीक्षा करने से हालात नहीं सुधरेंगे, सत्ताधारियों को सड़क पर उतरकर सपा की तरह सीधी सेवा करनी होगी। रविवार को अखिलेश ने कहा था, इंसान की मदद से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है। समाजवादी पार्टी के वे सभी नेता, विधायक एवं कार्यकर्ता सराहना के पात्र हैं जो भूखे-प्यासे लोगों के बीच माॅस्क लगाकर, वांछित दूरी बनाए हुए राहत सामग्री बांटने और मदद करने का चुनौतीपूर्ण कार्य कर रहे हैं। प्रशासनिक स्तर पर इनके काम में बाधा नहीं डाली जानी चाहिए।
'भूख' का आइसोलेशन नहीं हो सकता
अखिलेश यादव ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए कहा था, कोरोना का 'राजनीतिकरण' दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे मूल मुद्दों से ध्यान हटता है और सरकार से पूछे जानेवाले सही क्वारैंटाइन, स्क्रीनिंग, संक्रमण की जांच, इलाज और दूध-दवाई, सब्जी-खाद्यान्न की आपूर्ति जैसे उचित प्रश्न पीछे छूट जाते हैं। सरकार याद रखे 'भूख' का आइसोलेशन नहीं हो सकता। बता दें, दुनियाभर में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। अभी तक दुनियाभर में वायरस के कारण 1 लाख 14 हजार से भी ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। वहीं संक्रमित लोगों की संख्या 18 लाख के आंकड़े को पार कर चुकी है। भारत की बात करें तो यहां संक्रमित मामलों की संख्या बढ़कर 9152 हो गई है। केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर कोरोना वायरस से निपटने की पूरी कोशिश कर रही हैं। देशभर में वायरस से 308 लोगों की मौत हो गई है, जबकि ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 857 है।
अखिलेश यादव ने कहा- लाॅकडाउन को बढ़ाए जाने की तार्किक मांग तभी सार्थक साबित होगी जब...