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अयोध्या की आंखो देखी- एक रिपोर्ट

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अयोध्या/अंकुर सिंह। दशकों से विवादों के साये ठहरे हुए अयोध्या की कहानी मीडिया की सुर्खियों और विवादित बयानों से बिल्कुल अलग है। यहां की आबों हवा में मंदिर-मस्जिद को लेकर विवाद की उलझन हर किसी की आंखों में आसानी से देखी जा सकती है। फैजाबाद से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर अयोध्या के विवादित स्थल के पास जैसे ही आप दस्तक देते हैं हर वो मंजर आपकी आंखों के सामने चलने लगता है जो आप बचपन से सुनते और टीवी पर देखते आ रहे हैं।

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A Complete overview of Ayodhya and how it is losing the opportunity to become religious tourist spot

अक्सर लोग इस उम्मीद में यहां आते हैं कि वह उस विवादित जगह को देखेंगे जिसे वह एक अदद टीवी और अखबरों में देखते आ रहे हैं। लेकिन आपको हताशा तब हाथ लगती है जब आप यहां पहुंचते हैं और उस जगह पहुंचने के लिए आपको घंटो या यूं कहें पूरा दिन लग जाता है।

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मंदिर के निर्माण की हर तरफ है चाहत

अयोध्या में हर तरफ बड़ी संख्या में हिंदुओं की आबादी है। यहां के स्थानीय लोगों की अगर बात करें तो उनकी इच्छा इस बात की है कि यहां मंदिर बनना चाहिए और जल्द से जल्द इस विवाद का अंत होना चाहिए।

यहां के कई स्थानीय दुकानदारों और लोगों से बातचीत करने पर एक बात तो साफ हो गयी है कि अयोध्या मंदिर बनने की दशा में बड़ा धार्मिक पर्यटन स्थल बन सकता है। हालांकि लोगों का मानना है कि अब मंदिर निर्माण के लिए कोई हिंसात्मक रास्ता नहीं अपनाना चाहिए बल्कि इसे आपसी सहमति से ही सुलझाना चाहिए।

मंदिर तो बने पर कायम रहे बाबरी का अस्तित्व

वहीं अगर दूसरे पक्ष पर नजर डालें जोकि एकबार फिर से बाबरी मस्जिद को खड़ा करने की वकालत कर रही है, तो यह बात सामने आती है कि यह मुद्दा राजनीतिक गलियारे में उलझा हुआ है।

मुस्लिम समुदाय के लोगों से बात करने पर उनकी यह मंशा सामने आती है कि यहां के लोग मंदिर निर्माण के पक्ष में तो हैं लेकिन वह बाबरी मस्जिद के अस्तित्व को नहीं खोना चाहते हैं। साथ ही उनका कहना है कि नयी पीढ़ी इस मसले को धर्म से ज्याद अहम के तौर पर देखती है।

करोड़ो रुपए सुरक्षा में हो रहे हैं खर्च

अकेले अयोध्या और विवादित ढांचे की सुरक्षा के लिए 7.5 करोड़ रुपए खर्च किये जाते हैं। यह खर्च विशेष स्कीम के जरिए जोकि केंद्र सरकार देती है किया जाता है। जबकि तीन अन्य इमारतों की सुरक्षा का जिम्मा पुलिस मॉडर्नाइजेशन स्कीम के जरिए किया जाता है। सभी चारों इमारतों में भारी संख्या में सीआरपीएफ, सीआईएसएफ और उत्तर प्रदेश पुलिस हमेशा यहां तैनात रहती है।

धार्मिक संगठनों की बेचैनी पंडाओं की तैयारी

अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए यहां के धार्मिक संगठनों में बेचैनी साफ देखा जा सकती है। तकरीबन हर मंदिर में लोगों के नाम लिखे पत्थर बनने का सिलसिला जारी है। इसके लिए यहां आने वाले लोगों से बकायदा रसीद काटकर चंदा भी लिया जाता है।

यहां आने वाले श्रद्धालुओं को इस बात का आश्वासन दिया जाता है कि आपके द्वारा दान की गयी राशि इस मंदिर के निर्माण में प्रयोग की जाएगी साथ ही आपने नाम का लिखा पत्थर भी यहां जड़ा जाएगा।

विवादित स्थल से आस-पास इतने ज्यादा मंदिरों हैं या बहुत से ऐसे भी हैं जिनका निर्माण चल रहा है देखकर आप सोचने को मजबूर हो जाते हैं कि आखिर यह सारा विवाद एक विशेष जगह पर मंदिर के निर्माण को लेकर क्यूं है।

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English summary
A Complete overview of Ayodhya and how it is losing the opportunity to become religious tourist spot from decades.
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