69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा: CBI से जांच के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की याचिका, 7 जुलाई को होगी सुनवाई
लखनऊ। 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले से जुड़ी एक और बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले से जुड़े अभ्यर्थियों ने परीक्षा को रद्द करने की मांग की है। साथ ही पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवाने के लिए एक याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में दाखिला की गई है। याचिका पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सुनवाई के लिए 7 जुलाई की तारीख तय की है। बता दें कि प्रदेश सरकार की तरफ से महाधिवक्ता बहस करेंगे।
69000 सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा पिछले डेढ़ साल से ही विवादों में घिरी है। विज्ञापन से लेकर लिखित परीक्षा तक यह भर्ती विवादों में है। पहले लिखित परीक्षा के दौरान पेपर लीक, फिर कट ऑफ मार्क्स और गलत प्रश्नों को लेकर मामला हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। अब एक बार फिर परीक्षा निरस्त करने के लिए याचिका दाखिल की गई है। गौरतलब है कि यह याचिका अजय कुमार ओझा तथा उदयभान चौधरी की ओर से इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में दाखिल की गई है।
अधिवक्ता
नूतन
ठाकुर
ने
दी
यह
दलील
सरकारी
अधिवक्ता
ने
कोर्ट
को
बताया
कि
इस
मामले
में
प्रदेश
सरकार
तथा
परीक्षा
नियामक
प्राधिकरण
की
ओर
से
प्रदेश
के
महाधिवक्ता
स्वयं
बहस
करेंगे
जो
आज
(24
जून)
उपलब्ध
नहीं
थे।
इसलिए
अब
इस
मामले
की
सुनवाई
7
जुलाई
को
होगी।
इस
पर
याचियों
की
ओर
से
पेश
अधिवक्ता
डॉ.
नूतन
ठाकुर
ने
आपत्ति
जाहिर
की
कि
इस
मामले
में
सरकार
अनुचित
तेजी
दिखा
रही
है
और
इतने
दिनों
में
प्रक्रिया
पूरी
करने
का
प्रयास
करेगी।
सरकारी
अधिवक्ता
ने
मौखिक
रूप
से
कहा
कि
इतने
जल्दी
कुछ
नहीं
होगा।
याचिका
में
की
गई
है
ये
मांग
सरकारी
अधिवक्ता
एवं
नूतन
की
दलील
सुनकर
जस्टिस
आलोक
माथुर
की
बेंच
ने
सुनवाई
के
लिए
7
जुलाई
की
तारीख
तय
कर
दी।
याचिका
में
कहा
गया
है
कि
6
जनवरी
2019
को
इस
परीक्षा
के
बाद
पेपर
लीक
के
संबंध
में
एसटीएफ
तथा
केंद्र
अधीक्षकों
द्वारा
प्रदेश
के
कई
स्थानों
पर
मुकदमे
दर्ज
हुए
हैं,
जिससे
व्यापक
स्तर
पर
पर्चा
लीक
होने
की
बात
साबित
होती
है।
आज
भी
एसटीएफ
इस
केस
में
विवेचना
कर
रहा
है।
लिहाजा
याचिका
में
परीक्षा
को
निरस्त
करने
तथा
एसटीएफ
पर
सरकार
के
दवाब
में
काम
करने
के
आधार
पर
सीबीआई
जांच
कराये
जाने
की
मांग
की
गयी
है।