69000 सहायक शिक्षक भर्ती 2020: लखनऊ बेंच ने योगी सरकार को दी राहत, जारी रख सकती है भर्ती प्रक्रिया
लखनऊ। 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती मामले में शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने योगी सरकार को बड़ी राहत दी है। लखनऊ बेंच ने सरकार की तीन स्पेशल अपील पर आदेश सुनाते हुए एकल पीठ के 3 जून के आदेश को स्टे कर दिया। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने निर्देश दिया है कि 9 जून के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक आगे की कार्रवाई की जाए। बता दें इससे पहले हाईकोर्ट सिंगल बेंच ने अपने फैसले में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। यह फैसला जस्टिस पीके जायसवाल और जस्टिस डीके सिंह की डिवीजन बेंच ने सुनाया है।
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ये
था
सिंगल
बेंच
का
आदेश
बता
दें
3
जून
को
उत्तर
प्रदेश
में
शिक्षा
विभाग
की
69
हजार
सहायक
शिक्षकों
की
भर्ती
प्रक्रिया
पर
इलाहाबाद
हाईकोर्ट,
लखनऊ
की
सिंगल
बेंच
ने
रोक
लगा
दी
थी।
हाईकोर्ट
ने
निर्देश
दिए
कि
अभ्यर्थी
विवादित
प्रश्नों
पर
आपत्तियों
को
एक
सप्ताह
के
भीतर
राज्य
सरकार
के
समक्ष
प्रस्तुत
करें।
आपत्तियों
को
सरकार
यूजीसी
को
प्रेषित
करेगी
और
यूजीसी
आपत्तियों
का
निस्तारण
करेगी।
इसके
साथ
ही
8
मई
के
बाद
से
सरकार
द्वारा
कराई
गई
सभी
प्रक्रिया
पर
रोक
लगा
दी
गई
थी।
सोमवार
को
सुनवाई
के
बाद
आदेश
सुरक्षित
रखा
इससे
पहले
1
जून
को
सोमवार
को
हाईकोर्ट
ने
आंसरशीट
विवाद
में
अंतरिम
राहत
की
मांग
पर
अपना
आदेश
सुरक्षित
कर
लिया
था।
जस्टिस
आलोक
माथुर
की
बेंच
ने
इस
मामले
में
दाखिल
रिषभ
मिश्रा
व
अन्य
समेत
कई
याचिकाओं
पर
एक
साथ
सुनवाई
की।
इस
दौरान
राज्य
सरकार
की
ओर
से
महाधिवक्ता
ने
पक्ष
रखा।
वीडियो
कांफ्रेंसिंग
के
माध्यम
से
लगभग
5
घंटे
चली
सुनवाई
के
बाद
कोर्ट
ने
विवादित
प्रश्नों
को
विशेषज्ञ
समिति
के
समक्ष
भेजने
और
चयन
प्रक्रिया
रोकने
की
मांग
पर
आदेश
सुरक्षित
कर
लिया।
बता
दें
कि
याचियों
ने
8
मई
2020
को
जारी
आंसर
की
में
4
उत्तरों
को
लेकर
आपत्ति
जताई
है।
याचियों
का
कहना
है
कि
आपत्ति
के
सम्बंध
में
सक्षम
अधिकारियों
द्वारा
कोई
एक्शन
न
करने
पर
उन्होंने
कोर्ट
में
याचिका
दाखिल
की
है।
सुप्रीम
कोर्ट
ने
9
जून
को
दिया
ये
आदेश
वहीं
मामले
में
सुप्रीम
कोर्ट
ने
9
जून
को
शिक्षामित्रों
की
याचिका
पर
सुनवाई
करते
हुए
यूपी
सरकार
को
69000
में
से
37,339
पदों
को
होल्ड
करने
का
निर्देश
दिया।
बता
दें
इलाहाबाद
हाईकोर्ट
के
आदेश
के
बाद
बेसिक
शिक्षा
परिषद
ने
लिखित
परीक्षा
का
रिजल्ट
घोषित
किया
था।
हाईकोर्ट
के
कट
ऑफ
मार्क्स
को
लेकर
दिए
गए
फैसले
के
खिलाफ
शिक्षामित्रों
ने
सुप्रीम
कोर्ट
में
गुहार
लगाई
थी।
शिक्षामित्रों
की
याचिका
पर
सुनवाई
करते
हुए
आज
सुप्रीम
कोर्ट
ने
यह
आदेश
दिया।