जबरदस्त सूखे की चपेट में यूपी, 50 जिले सूखाग्रस्त घोषित
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सहित पूरा पूर्वोत्तर भारत सूखे की चपेट में है। उत्तर प्रदेश के किसान मजबूर किसानी छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले से किसानों को कुछ राहत मिलती दिखायी दे रही है।
अखिलेश यादव की सरकार ने उत्तर प्रदेश के 50 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया है। यूपी की कैबिनेट ने सरकार के सर्कुलेशन को मंजूरी दे दी है। उन जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है जहां 60 फीसदी से कम बारिश हुई है।
50 जिलों में से सिर्फ एक जिला बलरामपुर ऐसा जिला है जहां 60 फीसीद से अधिक बारिश हुई बावजूद इसके यहां की 33 फीसदी से अधिक फसलें खराब हो गयी जिसके चलते इसे भी सूखाग्रस्त घोषित कर दिया गया है।
जिन जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है उन जिलों से अब 31 मार्च 2016 तक किसी भी तरह के राजस्व की वसूली नहीं की जायेगी। यही नहीं इन जिलों के किसानों से कर्ज भी नहीं वसूला जाएगा और जो किसान अपना कर्ज नहीं चुका पा रहे हैं उनपर किसी भी तरह की कार्यवाही भी नहीं की जाएगी।
आपको बता दें कि लगातार चौथी बार ऐसा हुआ है कि जब बारिश या ओलावृष्टि के चलते किसानों को अपनी फसल में भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
इन जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया
संत रविदासनगर, सोनभद्र, सुल्तानपुर, मिर्जापुर, बलिया, सिद्धार्थनगर, शाहजहांपुर, बांदा, प्रतापगढ़, चंदौली, इटावा, बस्ती, बागपत, जौनपुर, फैजाबाद, गोंडा, कन्नौज, बाराबंकी, संतकबीरनगर, झांसी, जालौन (उरई), गोरखपुर, हाथरस, एटा, इलाहाबाद, गाजियाबाद, फर्रुखाबाद, मऊ, उन्नाव, रामपुर, हमीरपुर, ललितपुर, चित्रकूट, कानपुर नगर, लखनऊ, देवरिया, मैनपुरी, महराजगंज, आगरा, औरैया, पीलीभीत, अमेठी, महोबा, रायबरेली, कुशीनगर, कानपुर देहात, कौशांबी, फतेहपुर, अंबेडकरनगर और बलरामपुर