लाखों का पैकेज छोड़ प्रधान बनीं रुचिका बुंदेला ने बदली गांव की तकदीर
ललितपुर। यूपी के ललितपुर जिले की ग्राम पंचायत बागोनी जमुनियां की महिला प्रधान रुचिका बुंदेला का चयन प्रदेश के उन चार प्रधानों में हुआ है, जिनसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सामुदायिक शौचालय और पंचायत भवनों के शिलान्यास और लोकार्पण के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सीधे संवाद किया। मुख्यमंत्री ने रुचिका से पूछा, आप क्या कर रही हैं? जवाब में रुचिका ने बताया कि गांव में 102 प्रधानमंत्री आवास, दो लोहिया आवास, 410 शौचालय बनवाए हैं। गांव ओडीएफ हो चुका है। रोड, नाली, स्ट्रीट लाइट, सोलर लाइट के काम भी कराए गए हैं। सामुदायिक शौचालय व पंचायत भवन बनाया जा रहा है। पहले और अब के गांव में बहुत अंतर है। रुचिका बुंदेला ऐसी ग्राम प्रधान हैं जो फर्राटेदार अंग्रेजी बोलती हैं और लाखों रुपए के पैकेज की नौकरी छोड़ गांव के विकास के लिए आगे आईं।
बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुऐशन, मुंबई में कोर्स के बाद 14 साल की जॉब
शहर में पली-बड़ी रुचिका बुंदेला ने बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुऐशन किया। इसके बाद मुंबई में अपने चाचा और फिल्म अभिनेता राजा बुंदेला के पास चली गई। मुंबई में ही रुचिका ने कम्प्यूटर में प्रोग्रामिंग कोर्स, फेशन डिजाईनिंग कोर्स, एनआईटी से एक्सपर्ट कोर्स किया। मैनेजमेंट का डिप्लोमा लेने के बाद 14 साल प्राईवेट जॉब की। रुचिका का साल में दो बार गांव आना जाना था। साल 2015 में दीपावली के समय वह जब गांव आईं तो चुनाव का माहौल था। रुचिका बताती हैं कि गांव में लोग उनके पिताजी से प्रधान के लिए किसी का नाम बताने की बात कह रहे थे। उन्होंने मजाक मैं बोला दिया कि मैं कभी जिंदगी में आप लोगों के लिए कुछ करूंगी।
गांव के विकास के लिए छोड़ी लाखों की नौकरी
इसके बाद रुचिका बुंदेला ने छह लाख रुपए के पैकेज की नौकरी छोड़ दी थी। इसके बाद उन्होंने प्रधानी का चुनाव लड़ा। ग्रामीणों ने भी उन्हें हाथों हाथ लेते हुए अच्छे वोटों से चुनाव जितवा दिया। रुचिका ने सबसे पहले गांववालों को विकास का भरोसा दिलाया, उसी भरोसे के साथ प्रधान बन रुचिका ने गांव की दशा बदल दी। रुचिका बुंदेला ने बताया कि गांव में जिन ग्रामीणों के घरों में शौचालय नहीं थे, उन 400 घरों में शौचालय बनवाए। ग्राम पंचायत को ओडीएफ कराया। उन्होंने गांव में 'शराब छोड़ो अभियान' भी चला रखा है। इससे कई ग्रामीणों ने शराब पीना छोड़ दिया है।
खुद से किया था गांव के विकास का प्रॉमिस
करीब 3500 की आबादी वाले इस पंचायत क्षेत्र में 1150 वोटर हैं। विद्यालयों के कायाकल्प होने से विद्यालय परिवेश की दिशा व दशा बदल गई। वहीं से लेकर हर गली में लाईट और सोलर स्ट्रीट लाइटें लगी हैं। गांव की हर गली में आरसीसी हैं। रुचिका कहती हैं कि चुनाव जीतने के बाद उनका खुद अपने आप में प्रॉमिस था कि अगर चुनाव जीतती हूं तो काम स्वयं देखूंगी, रूचिका बुंदेला ने अपने काम करने की बात करते हुए कहा, "समझा इस फील्ड को जाना की काम कैसे शुरू कर सकते हैं, इसमें थोड़ा समय लगा, पर मुझे प्रशासनिक तौर पर मदद मिली।'' रूचिका ने कहा कि प्रधानों को मदद निश्चित तौर पर मिलेगी, थोड़ा सा उनको शिक्षित होना जरूरी है। अगर प्रधान शिक्षित हैं तो वो निश्चित तौर पर गांव का विकास कर सकता हैं।
मुख्यमंत्री योगी को बताए अपने काम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सीधे संवाद में रुचिका बुंदेला ने अपने कार्य बताए। रुचिका ने सीएम योगी को बताया कि महिलाओं की जागरुकता और शिक्षा पर उनका जोर है। मिशन शक्ति के तहत पीएम और सीएम यही चाहते हैं। इसके लिए उनके गांव में ग्रामीण महिलाओं को गांव में ही रोजगार देना जरूरी है। गृह लक्ष्मी घर में रहे। इससे ही वह शिक्षा पर जोर दे पाएंगे। गांव में काम मिलने से बच्चे रुकेंगे और उनकी पढ़ाई बाधित नहीं होगी। ग्राम प्रधान बच्चों को अपनी संस्कृति से भी जोड़ रही हैं। यहां प्रतिदिन रामायण का पाठ होता है। आने वाले दिनों में राम रक्षा स्त्रोत भी कराया जाएगा।
UP: सीएम योगी ने सामुदायिक शौचालयों और पंचायत भवनों का किया शिलान्यास