जुड़वा बेटों को पढ़ाने के लिए पिता ने लिया बैंक लोन, अब एक बनेगा डॉक्टर तो दूसरा इंजीनियर
कोटा। मिलिए ऐसे दो जुड़वा भाइयों से जो असल मायने में 'गुदड़ी के लाल' हैं। गरीबी में पले-बढ़े। आर्थिक तंगी हर मोड़ पर इनकी राह में रोड़ा बनी, मगर हौसला मजबूत और इरादे नेक थे। मेहनत में तो कभी कोई कमी ही नहीं छोड़ी। नतीजा यह रहा कि एक भाई डॉक्टर तो दूसरा इंजीनियर बनने की राह पर है।
हर किसी को प्रेरित करने वाली यह कहानी है राजस्थान के कोटा के विज्ञान नगर निवासी मोहनलाल गोयल के जुड़वा बेटे सौरभ व सागर की कामयाबी की। हाल ही जारी जेईई एडवांस और नीट रिजल्ट में दोनों जुड़वा भाइयों ने भी बाजी मारी है। सौरभ ने जेईई एडवांस 2019 में अखिल भारतीय स्तर पर इ्र्रडब्ल्यूएस जनरल वर्ग में 498वीं और सागर ने नीट 2019 में 12082वीं रेंक प्राप्त की है।
कक्षा नौ से ही शुरू कर दी तैयारी
मोहनलाल गोयल के अनुसार वे मूलरूप से कोटा जिले के सांगोद के रहने वाले हैं। कोटा के निजी अस्पताल मेडिकल की दुकान पर काम करते हैं। दोनों बेटों को काबिल बनाने का ख्वाब था। इसलिए उनकी शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया। दोनों को कक्षा नौ से कोचिंग शुरू करवा दी थी। स्कूल की पढ़ाई के साथ-साथ ये प्रतियोगी परीक्षाओं की भी तैयारी करने लगे थे। अब जेईई एडवांस और नीट में इन्होंने कोटा के कॅरिअर पॉइंट कोचिंग संस्थान में पढ़कर सफलता हासिल की है।
बेटी
भी
कर
चुकी
है
बीटेक
मोहन
लाल
गोयल
के
दो
बेटों
के
अलावा
एक
बड़ी
बेटी
है,
जो
बीटेक
कर
चुकी
है।
गोयल
ने
बताया
कि
गरीबी
के
कारण
वे
खुद
उच्च
शिक्षा
हासिल
नहीं
कर
सके
थे,
मगर
बच्चों
की
उच्च
शिक्षा
से
वंचित
नहीं
रहने
दिया।
बच्चे
भी
पढ़ाई
में
मेहनत
करते
रहे।
बच्चों
को
पढ़ाने
के
लिए
बैंक
लॉन
तक
लेना
पड़ा
है।
हालांकि
कोचिंग
से
सौरभ
को
90
प्रतिशत
एवं
सागर
को
70
प्रतिशित
स्कॉलरशिप
भी
मिली।
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