Child Deaths in Rajasthan : कोटा के बाद अब इस अस्पताल में सामने आया 10 बच्चों की मौत का मामला
बूंदी। कोटा जेके लोन चिकित्सालय में बच्चों की मौत के अब बूंदी के सामान्य चिकित्सालय में एक माह में 10 बच्चों की मौत होने का मामला सामने आया है। कोटा के पड़ोसी जिले बूंदी के ब्रजसुंदर राजकीय सामान्य चिकित्सालय के मातृ शिशु चिकित्सा इकाई मैं एक माह में 10 बच्चों की मौत हुई है। यहां साल 2019 में 86 बच्चों की सांसों की डोर टूटी है।
बूंदी के अस्पताल में स्टाफ की कमी
यहां के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर दुर्गा शंकर ने बताया कि बूंदी के अस्पताल में स्टाफ की कमी होने के कारण कई प्रकार की अव्यवस्थाएं हो जाती हैं। राजकीय सामान्य चिकित्सालय बूंदी में अधिकांश कैस बिगड़ने के बाद ही आते हैं। ऐसे में भी यहां बच्चों की मौत आशंका बनी रहती है।
दस बच्चों की मौत पर पीएमओ चुप
डॉक्टर दुर्गा शंकर के अनुसार सामान्य चिकित्सालय में 12 स्टाफ होना चाहिए जबकि बूंदी के अस्पताल में महज सात का स्टाफ है। स्टाफ की कमी से अधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है। दस बच्चों की मौत पर पीएमओ केसी मीणा मीडियो के सवालों के जवाब देने से बचते रहे।
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कोटा जिले के प्रभारी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बच्चों की मौत के मामले में कड़वी सच्चाई उजागर की है। खाचरियावास ने कोटा मेडिकल कॉलेज प्रशासन परगंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेज प्रशासन के पास छह करोड़ रुपए रखे थे। इसके बावजूद जेके लोन अस्पताल के खराब उपकरणों को ठीक नहीं करवाया गया। जबकि उपकरण खरीद की जिम्मेदारी अधिकारी व डॉक्टरों की होती है, लेकिन उपकरणों की खरीद क्यों नहीं की गई। जिम्मेदारी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। खाचरियावास ने कहा कि राजस्थान सरकार ने निशुल्क दवा योजना, जांच योजना, मोहल्ला व जनता क्लिनिक खोले हैं। अब निरोगी राजस्थान की ओर कढ़म बढ़ाया है। इस कारण हमारी सरकार की नीयत पर शक नहीं किया जा सकता।
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