Pulwama Attack : वीरांगना ने शहीद की पार्थिव देह रखे ताबूत के 7 फेरे लेकर मांग में भरा सिंदूर
Kota News, कोटा। रणबांकुरों की धरती राजस्थान के न केवल जवान बल्कि वीरांगनाएं भी बहादुर हैं। दुख की कितनी भी बड़ी घड़ी क्यों ना हो, यहां की वीरांगनाएं हर हाल में हौसला बनाए रखती हैं। इसकी एक बानगी राजस्थान के कोटा जिले में देखने को मिली है।
दरअसल, 14 फरवरी की शाम को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में CRFP के जवानों पर हुए आतंकी हमले (Pulwama Terror Attack) में देश के 40 जवान शहीद हो गए। शहीदों में राजस्थान में कोटा के हेमराज मीणा, धौलपुर के भागीरथ सिंह, भरतपुर के जीतराम गुर्जर, जयपुर के रोहिताश लाम्बा और राजसमंद के नारायण लाल शामिल थे।
शहीद हेमराज मीणा : वीरांगना ने पति को सैल्यूट करके दी अंतिम विदाई
बात अगर कोटा शहीद Hemraj Meena की करें तो इनकी वीरांगना मधुबाला ने शहादत की सूचना मिलने से लेकर शहीद को अंतिम विदाई देने तक गजब की हिम्मत दिखाई। 14 फरवरी की रात को मधुबाला को पति हेमराज मीणा के शहीद होने की सूचना मिल गई थी, मगर रात को बच्चे सोए हुए होने के कारण उसने ना मांग से सिंदूर पोंछा ना ही कोहराम मचाया। बाद में धीरे-धीरे सूचना मिलने पर लोग अपने आप इनके घर पहुंचने शुरू हो गए थे।
ताबूत के साथ लिए उल्टे फेरे
मूलरूप से कोटा के सांगोद के गांव विनोद कला निवासी शहीद हेमराज मीणा की पार्थिव देह शनिवार को घर पहुंची। शहीद के अंतिम दर्शन करने और उन्हें विदाई देने के लिए जन सैलाब उमड़ा। इस दौरान वीरांगना मधुबाला ने शहीद हेमराज मीणा की पार्थिव देह रखे ताबूत संग सात उल्टे फेरे लिए और फिर अपनी मांग में सिंदूर भरकर उन्हें सैल्यूट करके अंतिम विदाई दी। मधुबाला के मुताबिक उनके पति अमर शहीद हुए हैं।
निंदा नहीं...एक भी आतंकी जिंदा नहीं चाहिए
इससे पहले मीडिया से बातचीत में मधुबाला ने सरकार से मांग की थी कि पुलवामा हमले पर उन्हें निंदा नहीं चाहिए। सरकार अगर कुछ कर सकती है तो बस इतना कर दें कि मेरे पति हेमराज मीणा को मारने वाला एक भी आतंकी जिंदा नहीं बचना चाहिए। उन्होंने बच्चों से उनका पिता और बुजुर्ग माता-पिता से बेटा छीना है।