Kota Child Deaths : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने फिर लिखा CM गहलोत को पत्र, कही यह बात
कोटा। देश को सबसे ज्यादा डॉक्टर-इंजीनियर देने वाली कोचिंग सिटी कोटा के जेके लोन अस्पताल में नवजात बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां अब 48 घंटों के दौरान 9 और बच्चों की सांसे थम गई। ऐसे में यहां पर दिसम्बर बच्चों की संख्या 91 से बढ़कर 100 हो गई। उधर, लोकसभा अध्यक्ष और कोटा सांसद ओम बिरला ने कोटा बच्चों की मौत के मामले में फिर राजस्थान सरकार को पत्र लिखा है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ट्वीट कर बताया कि उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पुनः स्मरण पत्र भेजकर संसदीय क्षेत्र कोटा के जेके लोन मातृ एवं शिशु चिकित्सालय में शिशुओं की असमय मृत्यु की प्रतिदिन बढती संख्या को देखते हुए संवेदनशीलता के साथ चिकित्सा सुविधाओं के मजबूत बनाने के लिए आग्रह किया है।
बता दें कि कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत से कोटा मेडिकल सिस्टम सवालों के घेरे में आ गया है। वहीं राजस्थान सरकार पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। मामले की जांच के लिए बीजेपी भी आगे आई और अपने 4 सांसदों की एक जांच समिति गठित की। मंगलवार को बीजेपी सांसदों लॉकेट चटर्जी, कांता कर्दम और जसकौर मीणा ने अस्पताल का दौरा कर वहां के हालात पर चिंता जताई। सांसदों के दल ने कहा कि अस्पताल में मूलभूत सुविधाओं की कमी है, यहां एक बेड पर दो-तीन बच्चों को रखा जाता है। अस्पताल में पर्याप्त नर्सें भी नहीं हैं।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पुनः स्मरण पत्र भेजकर संसदीय क्षेत्र कोटा के जेके लोन मातृ एवं शिशु चिकित्सालय में शिशुओं की असमय मृत्यु की प्रतिदिन बढती संख्या को देखते हुए संवेदनशीलता के साथ चिकित्सा सुविधाओं के मजबूत बनाने के लिये आग्रह किया।@ashokgehlot51 @RajCMO
— Om Birla (@ombirlakota) January 2, 2020
हंगामे के बीच अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि 2018 के मुकाबले साल 2019 में कम शिशुओं की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि 2018 में 1005 शिशु्ओं का मौत हुई थी, बता दें कि साल 2019 में यहां 940 बच्चों की मौत हो चुकी है बुधवार को यह संख्या बढ़कर 949 पहुंच गई है। अधिकारी के मुताबिक ज्यादातर शिशुओं की मौत जन्म के समय कम वजन होने की वहज से होती है।