कोटा जेके लोन अस्पताल में फिर हुई बच्चों की मौत, अब 24 घंटे में 9 नवजात बच्चों की सांसें थमी
कोटा। राजस्थान की शिक्षा नगरी कोटा में फिर बच्चों की मौत का मामला सामने आया है। कोटा मेडिकल कॉलेज के जेके लोन अस्पताल गुरुवार को 9 नवजात बच्चों की सांसें थम गई हैं। सभी बच्चों की मौत महज 24 घंटे के दौरान हुई है। पांच बच्चों ने बुधवार और चार ने गुरुवार को दम तोड़ा है।
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कोटा बच्चों की मौत का मामला
यह पहला मौका नहीं है जब जेके लोन अस्पताल कोटा में बच्चों की मौत हुई है। इससे पहले पिछली साल दिसम्बर 2019 में भी यहां बच्चों की मौतों ने कोहराम मचाया था। शुरुआत में 48 घंटे में दस बच्चों की सांसें थमी थी। फिर एक माह तक यह सिलसिला चला और मौतों का आंकड़ा 100 तक पहुंच गया था।
कोटा जिला कलेक्टर ने मांगी रिपोर्ट
अब नौ व दस दिसम्बर 2020 को कोटा अस्पताल में बच्चों की मौत के मामलों ने फिर कोटा जेके लोन अस्पताल की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिया है। बच्चों की मौत पर जिला कलेक्टर उज्ज्वल राठौड़ ने कोटा जेके अस्पताल प्रशासन से बच्चों की मौत के कारणों की रिपोर्ट मांगी है। जिस पर कोटा अस्पताल प्रशासन ने जांच कमेटी बनाई है।
सात बच्चों को जन्म कोटा जेके लोन में ही हुआ
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार महज 24 घंटे की अवधि में कोटा जेके लोन अस्पताल में मरने वाले नवजात बच्चों में से 7 का जन्म यहीं पर हुआ था जबकि दो बच्चे बूंदी के अस्पताल से रैफर होकर आए थे। सप्ताह भर में पैदा हुए इन सातों नवजात शिशुओं के बारे में कोटा अस्पताल अधीक्षक डॉ. एससी दुलारा ने बताया कि तीन बच्चे ब्रेनडेड थे जबकि तीन बच्चे किसी जन्मजात बीमारी से पीड़ित थे। एक बच्चे के सिर नहीं था। दूसरे के सिर में पानी भरा हुआ था।
बच्चों के परिजनों के आरोप
हर बार की तरह इस बार भी बच्चों के परिजनों ने कोटा जेके लोन अस्पताल के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। परिजनों का आरोप है कि चिकित्सक व स्टाफ बच्चों को तबीयत बिगड़ने पर समय पर नहीं आते हैं। वहीं, इस मामले में डॉ एससी दुलारा ने बताया कि मौत के कारणों की जांच की जा रही है।
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