राजस्थान : जेके लोन अस्पताल कोटा में 48 घंटे में 10 बच्चों की मौत, सीएम गहलोत ने भेजी जांच टीम
कोटा। राजस्थान की शिक्षानगरी कोटा के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में दस बच्चों की मौत का चौंका देने वाला मामला सामने आया है। कोटा के जेके लोन मातृ एवं शिशु चिकित्सालय के एनआईसीयू में भर्ती सभी बच्चों की मौत महज 48 घंटे के दौरान हुई है। इनमें 5 नवजात थे।
मध्य प्रदेश तक बच्चे आते हैं कोटा इलाज कराने
कोटा जेके लोन अस्पताल के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉक्टर बेरवा ने बताया कि जिन 10 बच्चों की मौत हुई है। उसमें 5 न्यू बोर्न बेबी हैं, जिनको जन्म लेते ही दिक्कत हो गई थी। वहीं, 5 बड़े बच्चे हैं। इनमें 3 बच्चे दूसरे निजी अस्पतालों से रेफर होकर आए थे। जेके लोन अस्पताल कोटा संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल होने की वजह से यहां पर आसपास के जिलों के मध्य प्रदेश तक के बच्चे आते हैं। जेके लोन अस्पताल अधीक्षक डॉ एचएल मीणा ने बताया कि एक कमेटी बनाई गई है, बच्चों की मौत की जांच करेगी। वैसे भी बच्चों की मौत की ऑडिट होती है, जिसमें कोटा की डेथ रेट राजस्थान में सबसे कम है। बता दें कि वर्ष 2019 में 16892 बच्चे भर्ती हुए हैं। इनमें से 940 बच्चों की मौत हो गई। पिछले 48 घंटों में 10 बच्चों की मौत होने के विरोध में भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने जेके लोन अस्पताल में प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया।
लोकसभा स्पीकर बोले-तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए
जानकारी के अनुसार सोमवार व मंगलवार को अस्पताल में 10 बच्चों की मौत हुई थी। सोमवार को 6 व मंगलवार को शाम तक 4 मौतें हुई। अस्पताल में रोजाना होने वाली मौतों के औसत से यह आंकड़ा कई गुना ज्यादा है। आम दिनों में रोजाना 2 से 3 बच्चों की मौत का औसत रहता है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार कोटा के सांसद लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि कोटा के एक मातृ एवं शिशु अस्पताल में 48 घंटे में 10 नवजात शिशुओं की असामयिक मौत चिंता का विषय है। राजस्थान सरकार को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
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मुख्यमंत्री गहलोत ने मांगी रिपोर्ट
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि जेके लोन अस्पताल में 10 बच्चों की मौत की जांच के लिए एक टीम कोटा भेजी गई है। उन्होंने कहा कि दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। गहलोत ने चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया को कोटा का दौरा करने और तत्काल आधार पर एक विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। सीएमओ के आधिकारिक सूत्रों ने पुष्टि की कि गहलोत मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और खुद निगरानी कर रहे हैं।