बंगाल: मकर संक्रांति पर 30 लाख से ज्यादा लोगों ने लगाई गंगासागर में डुबकी
Kolkata news, कोलकाता। पश्चिम बंगाल में वार्षिक गंगासागर मेला में देश-विदेश के तीस लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने स्नान किया। गंगा नदी गंगोत्री से निकल कर पश्चिम बंगाल में आकर सागर में मिलती है, उसे गंगासागर कहते हैं। यहां 'सब तीर्थ बार-बार, गंगासागर एक बार' के नारे सुनाई दे रहे हैं, तो कहीं 'हर हर गंगे, हर हर महादेव' के नारे गूंज रहे हैं। साधु संत अपने ही रंग में रंगे नजर आ रहे थे। कोई शरीर पर धुनी रमाए था तो कोई ध्यान की मुद्रा में मग्न था। कुछ ऐसा ही नजारा पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से लगभग 1३५ किलोमीटर दूर दक्षिण 24 परगना जिले के सागर द्वीप में दिखा।
हर साल मकर संक्रांति पर लगने वाले गंगासागर मेले में राज्य सरकार की ओर से की गई व्यवस्थाओं पर देश-विदेश के कोने-कोने से आए श्रद्धालु संतुष्ट नजर आए। खासकर राजस्थान से आए तीर्थ यात्रियों ने बंगाल सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि वैसे तो अक्सर यह कहा जाता है कि सब तीर्थ बार-बार और गंगासागर एक बार, लेकिन इस बार जिस तरीके से तीर्थयात्रियों के लिए सरकार की ओर से उत्तम व्यवस्था की गई है, उसके आधार पर उनका कहना है कि 'सब तीर्थ एक बार और गंगासागर बार-बार'।
कोटा की लीला शर्मा, बारां की मंजू शर्मा, बारां के एस. शर्मा और झालावाड़ की आयशा गौतम ने भी सरकारी एजेंसियों सहित तमाम सामाजिक संस्थाओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि पुराणों में गंगासागर की महत्ता को दर्शाया गया है और यह ने केवल भारत, बल्कि विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मेला है। आयशा कहती हैं कि वह कपिल मुनि आश्रम सहित अन्य प्रमुख तीर्थस्थानों का दौरा करेंगी। उन्होंने सोचा भी नहीं था कि गंगासागर में उन्हें इस तरह की सुविधाएं मिलेंगी। बार-बार उन्होंने बंगाल सरकार की तारीफ के पुल बांधे। इस बार रिकॉर्ड संख्या में देश के कोने-कोने से करीब ३० लाख तीर्थयात्री सागर द्वीप आए हैं। मंजू शर्मा कहती हैं कि गंगासागर मेला स्थल, सागर द्वीप सहित कपिल मुनि मंदिर आदि तीर्थस्थानों को देखने की उनकी बरसों से इच्छा थी जो इस बार पूरी हो गई।