कोलकाता में छपते हैं जिम्बाब्वे, तुर्की के नकली नोट
कोलकाता। तीन महीने पहले लखनऊ से बेंगलुरु तक की रेल यात्रा के दौरान जब मैंने चाय, समोसे, इडली, वड़ा आदि खरीदने के लिये पैसे दिये, तो खुले पैसे के बदले मुझे नकली नोट मिले। वो भी एक-दो नहीं तीन स्टेशनों पर। इससे पता चलता है कि नकली नोटों का कारोबार भारत में तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन अब जो बड़ा खुलासा हुआ है, वो चौंकाने वाला है। कोलकाता व आसपास के जिलों में भारत के ही नहीं, बल्कि जिम्बाब्वे और तुर्की जैसे देशों के नकली नोट छापे जा रहे हैं। [कैसे पहचानें 1000 का नोट नकली है या असली]
पश्चिम बंगाल की स्पेशल टास्क फोर्स ने एक रैकेट पकड़ा है, जिसमें यह खुलासा हुआ है। पुलिस ने एसटीएफ के संग मिलकर माणिकटला और डोमजुर में रेड डाली। इस दौरान भारी मात्रा में नकली नोट पकड़े गये। इनकी कुल कीमत 10 करोड़ से ऊपर की बतायी जा रही है। खास बात यह है कि इनमें ज्यादातर नोट जिम्बाब्वे और तुर्की के नकली नोट हैं। कोलकाता से पकड़े गये चंद्रशेखर जायसवाल ने पुलिस से पूछताछ में बताया कि उसका नाकली नोटो का जाल कोलकाता के आस-पास के छोटे शहरों में फैला हुआ है। एनआईए के अनुसार यह नेटवर्क अन्य देशों के भी नकली नोट छापने के काम करता है।
पश्चिम बंगाल बना नकली नोटों का गढ़
- एनआईए के अनुसार पश्चिम बंगाल में नकली नोटों का बड़ा कारोबार चल रहा है।
- इसके सरगना पाकिस्तान में बैठे हैं जो बांग्लादेश के रास्ते भारत में अपने एजेंटों को पहुंचाते हैं।
- पाकिस्तान में छपने वाले भारतीय नकली नोट कराची से बांग्लादेश लाये जाते हैं और यहां से पश्चिम बंगाल होते हुए पूरे भारत में पहुंचाये जाते हैं।
- बांग्लादेश से लाये जाने वाले नकली नोट मालदा के रास्ते आते हैं।
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