'बुलबुल' चक्रवात से भारत में भयंकर तबाही की आहट, IMD की चेतावनी- 140Kmph होगी रफ्तार
कोलकाता। बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवात 'बुलबुल' की रफ्तार तेज होती जा रही है। यह चक्रवात बड़े तूफान का रूप ले रहा है। इस चक्रवात से पं. बंगाल और बांग्लादेश सीधे प्रभावित होंगे। साथ ही ओडिशा और बर्मा के भी इलाकों में ओलावृष्टि और भारी बारिश की संभावना जताई जा रही है। गुरुवार दोपहर को देश के तटीय इलाकों में समुद्र की ओर से हवा की रफ्तार तेज होती देखी गई। मौसम विभाग के प्रादेशिक केंद्र से सूचना जारी की गई कि साइक्लोन बुलबुल एक भयंकर तूफान लिए आगे बढ़ रहा है। इसकी रफ्तार 140 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि पं. बंगाल के तटीय क्षेत्र इससे ज्यादा प्रभावित होंगे। यहां आगामी 12 घंटों में भारी बारिश, आंधी और ओलावृष्टि का अलर्ट जारी किया जा चुका है।
इस साल का 7वां चक्रवाती तूफान
मौसम
विभाग
के
अधिकारियों
ने
गुरुवार
को
कहा,
"बुलबुल
इस
साल
का
7वां
चक्रवाती
तूफान
है।
यह
चक्रवात
भयंकर
तूफान
में
बदल
सकता
है,
क्योंकि
विंडस्पीड
115
से
125
किमी
प्रति
घंटे
की
रफ्तार
ले
रही
है।
इसकी
स्पीड
140
किमी
प्रति
घंटे
तक
जा
सकती
है।
ऐसी
स्थिति
में
तटीय
इलाकों
को
बड़ा
नुकसान
होगा।"
ऐसे
में
राज्य
में
मछुआरों
एवं
मर्चेंट्स
को
समुद्री
इलाके
से
दूर
रहने
को
कहा
गया
है।
राहत-आपदा
बल
की
टीमें
तैनात
की
गई
हैं।
8—9 नवंबर को पश्चिम बंगाल होगा हिट?
मौसम विभाग ने गुरुवार सुबह बताया कि बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवात के 9 नवंबर को ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तटों से टकराने की संभावना है। दोपहर को फिर अपडेट्स दिए गए कि चक्रवात ओडिशा की तरह नहीं, बल्कि पं. बंगाल और बांग्लादेश की ओर जा रहा है। ओडिशा के स्पेशल रिलीफ कमिश्नर प्रदीप कुमार जेना ने कहा है कि बुलबुल तूफान ओडिशा से नहीं टकराएगा। हालांकि, उत्तरी उड़ीसा में 9 नवंबर के बाद हल्की बारिश की संभावना है।
कहां पहुंचा बुलबुल
गुरुवार सुबह बताया गया कि बुलबुल पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप से 930 किलोमीटर, ओडिशा के पाराद्वीप से 820 किलोमीटर और अंडमान के माया बंदर से 370 किलोमीटर दूर है।
14 जिलों में अलर्ट जारी
मौसम विभाग का मानना है कि सतर्कता बरतना जरूरी है। जिसके चलते ओडिशा के 14 जिलों में अलर्ट जारी किया गया। मछुआरों को भी 7 नवंबर की शाम तक वापस लौटने की चेतावनी दी गई।
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